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एसआईटी जांच में पूरा सहयोग करूंगा: चिन्मयानंद

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में विधि छात्रा के कथित उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पीड़िता द्वारा वीडियो वायरल करने के ठीक 12 दिन बाद  यहां मीडिया से मुखातिब हुए ।

एसआईटी जांच में पूरा सहयोग करूंगा: चिन्मयानंद
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शाहजहांपुर । उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में विधि छात्रा के कथित उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पीड़िता द्वारा वीडियो वायरल करने के ठीक 12 दिन बाद यहां मीडिया से मुखातिब हुए ।

स्वामी ने पत्रकारों से कहा कि “ उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं मीडिया में अपनी बात रख कर एसआईटी की सुनवाई में व्यवधान पैदा करना नहीं चाहता और ना ही मैं चाहता हूं कि किसी भी तरीके से जांच प्रभावित हो । मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा।”

चिन्मयानंद ने कहा “ हमें दुख इस बात का है कि जब हम स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में एल एल एम की कक्षाएं शुरू कराने का प्रयास कर रहे थे तब भी कालेज के कुछ लोगों द्वारा बवाल शुरू कर दिया गया और आज जब हम विश्वविद्यालय बना रहे हैं, हमारी वित्त मंत्री जी से बात हो गई है तारीख भी तय हो गई है और मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें प्रस्ताव देना था, इसी बीच विश्वविद्यालय के कार्य को बाधित करने के लिए यह मामला उछाल दिया गया। ”
उन्होंने कहा “ मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वह कौन लोग हैं जो जिले के विकास में रोड़ा डाल रहे हैं आखिर उनकी मंशा क्या है।”

उधर, स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पत्रकारों को बताया कि कालेज प्रबंध समिति व कालेज प्रशासन की ओर से तीन अधिवक्ताओं की एक टीम बनाई गई है जो इस मामले की जांच करेगी और पूरी रिपोर्ट प्रबंध समिति को सौपैगी । टीम में अधिवक्ता अवधेश सक्सेना, मुनेंद्र शुक्ला तथा मुनेंद्र चौहान को शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय की एक छात्रा द्वारा फेसबुक पर 24 अगस्त को एक वीडियो अपलोड किया गया था जिसमें एक सन्यासी द्वारा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं उसे व उसके परिवार को जान का खतरा बताया गया था। इसके बाद से लड़की लापता हो गई थी और छात्रा के पिता ने शहर कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध लड़की को अपहरण करने एवं जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज करा दिया था। बाद में यह मामला जनहित याचिका के तहत उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया।


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