राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामा करेंगे कांग्रेसी
छग विधानसभा का बजट सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहने की संभावना है। दिल्ली की तर्ज पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस यहां भी सत्तारूढ़ भाजपा को घेरेगी।

बजट सत्र के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति, हंगामेदार होगा सत्र
रायपुर ! छग विधानसभा का बजट सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहने की संभावना है। दिल्ली की तर्ज पर प्रमुख विपक्षी दल कांगे्रस यहां भी सत्तारूढ़ भाजपा को घेरेगी। विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है। सदन में रोज नए मुद्दे उठाकर रमनसिंह सरकार पर हमला करेगी। बजट सत्र के लिए रणनीति तय करने कांगे्रस विधायक दल की बैठक 7 फरवरी को नेता प्रतिपक्ष के निवास पर होगी।
बस्तर से जुड़ी घटनाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी कामरोको प्रस्ताव लाएगी। राज्यपाल के अभिभाषण के समय भी कांग्रेस के सदस्य चुप नहीं बैंठेंगे। किसानों के बोनस व समर्थन मूल्य तथा बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेेस काफी मुखर रहेगी। इस संबंध में विरोध के स्तर को लेकर विधायक दल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। विधानसभा का बजट सत्र इस बार 27 फरवरी से आहूत किया गया है।
सत्र के दौरान कल 21 बैठक होगी। सत्र के लिए रणनीति बनाने नेता प्रतिपक्ष के निवास पर 7 फरवरी को विधायक दल की बैठक आहूत की जाएगी।
विधायकों को मार्गदर्शन देने व सदन में उठाए जाने वाले सवालों पर सरकार को घेरने पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, मो. अकबर को बैठक में विशेष तौर पर बुलाया जाएगा। वर्ष 2018 में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इसे देखते हुए पार्टी इस बार सदन में काफी आक्रामक लेवर दिखाएगी।
27 फरवरी को सत्र के पहले दिन राज्यपाल बलरामजीदास टंडन का अभिभाषण होगा। वरिष्ठ सदस्य अभिभाषण के दौरान जमकर टोकाटाकी करेंगे। बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे लगातार प्रताडऩा, आईजी कल्लूरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने, मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर भी कांगे्रसी सदस्य टोका टाकी करेंगे। भाजपा ने तीसरी बार सत्ता में आने पर किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2100 रुपए व 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का वायदा किया था। अब तक इस पर अमल नहीं किया गया है। सदन में यह मुद्दा भी गरमाएगा।
बस्तर में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई को लेकर तीखी टिप्पणी की है। इस मामले में कांगे्रस कामरोको प्रस्ताव लाकर बहस कराने की मांग कर सकती है।
इसी के साथ मीना खलखो प्रकरण का मुद्दा भी गूंजेगा। न्यायिक जांच रिपोर्ट पर सदन में पिछले दो सत्रों में चर्चा नहीं हो पाई है। इस बार चर्चा हो सकती है। बजट सत्र की अवधि कम है विपक्ष के पास मुद्दों की भरमार है ऐसी स्थिति में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। इसकी संभावना कम है।
नोटबंदी मामले में कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन कर रही है। इस मुद्दे को भी सदन में पार्टी मुखरता से उठाएगी। रिजर्व बैंक के आदेश पर किसानों को पूरा भुगतान नहीं किया गया है। अब भी किसानों को धान भुगतान का करीब दो हजार करोड़ बकाया है। सरकार ने धान खरीदी की सीमा तय कर रखी है। यह मुद्दा भी कांग्रेस प्रमुखता से सदन में उठाएगी। नोटबंदी के चलते सब्जी उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सडक़ों पर टमाटर फेंकने की नौबत आई। राजधानी में मुफ्त सब्जी बांटकर किसानों ने विरोध जताया है। प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का मामला भी गूंजेगा। वहीं दूसरी ओर आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इस बार लोक लुभावना बजट पेश करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह 14वीं बार बजट पेश करेंगे। अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव होगा। लिहाजा किसानों के लिए सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है। विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री निवास में होगी। वरिष्ठ विधायकों को कांगे्रस के हमलों से निपटने जवाबदारी सौंपी जाएगी।


