लॉकडाउन के बाद अधिक संकल्प से वापसी करूंगा : जरमनप्रीत
भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने कहा है कि वह कोरोना वायरस के खतरे के कारण लागू लॉकडाउन के बाद अधिक संकल्प के साथ मैदान पर वापसी करेंगे।

बेंगलुरु। भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने कहा है कि वह कोरोना वायरस के खतरे के कारण लागू लॉकडाउन के बाद अधिक संकल्प के साथ मैदान पर वापसी करेंगे।
इस लॉकडाउन के दौरान जरमनप्रीत ने अपने पुराने मुकाबलों की वीडियो की समीक्षा कर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी ध्यान दिया है जिस पर उन्हें काम करने की आवश्यकता है।
जरमनप्रीत ने कहा,“मैं पिछले दो वर्षों से अंतराष्ट्रीय मुकाबले खेल रहा हूं और मैं बेहद खुशकिस्मत हूं जो हरमनप्रीत सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा जैसे खिलाड़ियों के साथ खेल रहा हूं। लॉकडाउन के दौरान मैं अपने पुराने मुकाबलों के वीडियो की समीक्षा कर रहा हूं और उन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं जिन पर मुझे काम करने की जरुरत है।”
उन्होंने कहा,“मैं इस लॉकडाउन का अपने करियर में ठहराव के बटन के तौर पर इस्तेमाल करने में कामयाब रहा हूं और उन विषयों पर गौर कर रहा हूं जिससे पता लगा सकूं कि मुझे टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए कितना कठिन अभ्यास करने की आवश्यकता है। एक बार अभ्यास मैदान पर उतरने के बाद मैं एक बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए अधिक संकल्प से मेहनत करने के लिए तैयार हूं।”
लॉकडाउन के दौरान बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण (साई) कैंपस में भारतीय टीम की अन्य गतिविधियों के बारे में जनमनप्रीत ने कहा कि उन्होंने इस सप्ताह ऑनलाइन हॉकी इंडिया लेवल बेसिक कोचिंग कोर्स का आनंद लिया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के अलावा हम हॉकी इंडिया लेवल बेसिक कोचिंग कोर्स के माध्यम से खेल के विभिन्न पहलुओं को समझने पर ध्यान दे रहे हैं।
24 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा,“हॉकी के इतिहास के बारे में जानना और खेल के नियमों की बेहतर समझ प्राप्त करना बहुत अच्छा है। अगर हमें मुकाबले के हर मिनट की स्थिति के बारे में पता चले तो उससे हमें मैदान पर मुश्किल परिस्थिति में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।”
जरमनप्रीत ने टीम में सबसे युवा खिलाड़ी होने को लेकर कहा,“टीम में सबसे युवा खिलाड़ी होने के नाते टीम के मुख्य कोच और सभी सीनियर खिलाड़ियों ने मुझे अपने मन की बात को खुलकर व्यक्त करने के लिए कहा है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं सीनियर खिलाड़ियों के उन समूह के साथ खेल रहा हूं, जो ज्यादातर दबाव में रहते हैं ताकि युवा खुलकर खेल सकें।”


