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जर्मनी की सड़कों पर ट्रैफिक जाम कम क्यों हो गया है

इस मौसम में लोग अपने घरों से निकल कर खूब यात्राएं करते हैं तो फिर सड़कें खाली क्यों हैं?

जर्मनी की सड़कों पर ट्रैफिक जाम कम क्यों हो गया है
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यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश ने सार्वजनिक परिवहन के लिए एक अनूठा प्रयोग किया है. तीन महीने के लिए जर्मनी में सार्वजनिक परिवहन को लगभग मुफ्त कर दिया गया है. महज 9 यूरो का टिकट लेकर कोई भी यहां की क्षेत्रीय और स्थानीय रेल या बस की जितनी चाहे यात्रा कर सकता है. इस कदम ने लोगों के मन में कार छोड़ कर सार्वजनिक सेवाओं का इस्तेमाल करने का उत्साह जगाया है. सरकार का यह कदम कुछ हद तक सफल रहा है.

जून के महीने से शुरू हुई इस सेवा के लिए हर महीने का अलग टिकट जारी किया जा रहा है. अगस्त तक के लिए जारी यह ऑफर बढ़ती महंगाई और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से राहत देने के मकसद से शुरू किया गया है. बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और फोल्क्सवागन जैसी गाड़ियां बनाने और हाईवे पर गतिसीमा नहीं रखने वाले वाले देश के लिए यह एक काफी बड़ा कदम है.

घुमक्कड़ लोगों की तो इस साल बन आई है वो इस सस्ते टिकट का खूब फायदा उठा रहे हैं और सैलानियों के ठिकानों पर भी खूब भीड़ उमड़ रही है. हालांकि सारे लोग अपनी प्यारी कारें छोड़ कर ही यात्रा कर रहे हैं यह कहना अभी सही नहीं होंगा.

सस्ते टिकट का असर

नतीजा निकालना भले ही अभी संभव ना हो लेकिन नेविगेशन कंपनी टॉमटॉम के जुटाए आंकड़े बता रहे हैं कि सरकार की इस नीति का असर दिख रहा है. 20 जून वाले हफ्ते में भीड़ भाड़ के समय में 26 में से 23 शहरों में ट्रैफिक जाम काफी कम था. इनकी तुलना 16 मई वाले हफ्ते से की गई. टॉम टॉम ने इन दोनों हफ्तों की तुलना की क्योंकि इनमें छुट्टियां नहीं थीं. टॉम टॉम के ट्रैफिक विशेषज्ञ राल्फ पेटर शेफर का कहना है, "यह कमी 9 यूरो वाले टिकट की वजह से है."

दूसरे कारणों ने भी ट्रैफिक की कमी में कुछ भूमिका निभाई है. मसलन ईंधन की ऊंची कीमत और महामारी के कारण घर से काम करने का चलन. हालांकि टॉम टॉम ने पूरे जून महीने के जो आंकड़े जुटाए हैं उनमें भी यह दिख रहा है कि सड़कों पर ट्रैफिक कम हुआ है. यह तुलना इस साल मई और जून 2019 से की गई है जब महामारी शुरू नहीं हुई थी. इस साल मई की तुलना में जून में ट्रैफिक 26 में से 24 शहरों में कम था. अगर जून 2019 से तुलना करें तो यह 26 में से 21 शहरों में कम रहा.

यह जानकारियां सरकार के लिए इस विचार का रास्ता खोल सकती हैं कि सार्वजनिक परिवहन के इस सस्ते टिकट को 9 अगस्त के बाद भी जारी रखा जाए. शेफर का कहना है, "अगर मैं सरकार होता तो निश्चित रूप से इस बारे में गंभीरता से सोचता."

सस्ते टिकटों ने ट्रेन का इस्तेमाल भी बढ़ा दिया है. जून 2019 की तुलना में इस साल यह 42 फीसदी ज्यादा था. यह आंकड़े जर्मन सांख्यिकी विभाग के हैं. ट्रेनों का ज्यादा इस्तेमाल सप्ताहांत में बढ़ा है और इस वजह से ट्रेनों में जरूरत से ज्यादा भीड़ की शिकायतें भी आ रही हैं.

मुफ्त सार्वजनिक परिवहन

2020 में लग्जमबुर्ग पहला ऐसा देश बना जिसने सार्वजनिक परिवहन को पूरे देश में मुफ्त कर दिया. वहां के अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद ट्रैम का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया. टॉम टॉम के आंकड़े दिखाते हैं कि हाल के महीनों में महामारी से दौर से पहले की तुलना में भी ट्रैफिक जाम काफी कम है.

हालांकि कुछ जर्मन लोगों को उनकी कारों से दूर कर पाना एक बड़ी जंग से कम नहीं है. टॉम टॉम के शेफर खुद ही कहते हैं कि वो अब भी बर्लिन में हर रोज अपने दफ्तर जाने के लिए कार का इस्तेमाल करते हैं ताकि अपना समय बचा सकें.


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