पुलिस बेबस क्यों?
नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के पक्ष और विपक्ष में चल रहे प्रदर्शनों ने सोमवार को दंगों का रूप ले लिया

नई दिल्ली। नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के पक्ष और विपक्ष में चल रहे प्रदर्शनों ने सोमवार को दंगों का रूप ले लिया। इस दौरान पुलिस पूरी तरह बेबस दिखी। इस कारण जिसका जो मन किया उसने वो किया। जाफराबाद रोड, भजनपुरा, शिव विहार, मुस्तफाबाद और मौजपुर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो घरों, एक पेट्रोल पंप को फूंक डाला, पुलिस की कई गाड़ियों को आग लगा दी गई, कई दुकानों में लूटपाट हुई। इतना ही नहीं हिंसा के चलते रतन लाल नामक एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है।
जबकि खबर लिखे जाने तक शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी गोकलपुर अनुज कुमार समेत 38 पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर थी। हिंसक प्रदर्शनों के चलते इस सभी इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई। आला अधिकारियों का कहना था कि दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत कर के बातचीत कर के हालात सामान्य कराने की कोशिश जारी है।
सरेआम चलाई गोलियां
सोमवार को दोपहर में सभी जगह प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। आलम ये था कि पुलिस भी बेबस दिखाई देने लगी। ऐसे में एक कई प्रदर्शनकारी पिस्टल लहराते और जमकर गोलियां चलाने नजर आए। ऐसे कई वीडियो भी सामने आए हैं। उन्हीं में से एक वीडियो में लाल टी-शर्ट पहने एक लड़का पिस्टल लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग करता नजर आ रहा है। इस दौरान वो सड़क पर डंडा लेकर खड़े पुलिसकर्मी से भी आकर भिड़ गया। वह पुलिसकर्मी को धक्का देता नजर आ रहा है। उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया।
फिर टूटी मौजपुर में दीवारवर्ष 1992 के अंदर मौजपुर में स्थित जो दीवार पहली बार तोड़ी गुई थी। वर्ष 2007 में सीलिंग को रोकने के लिए भी जिस दीवार को तोड़ा गया था। अब सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने फिर उस दीवार को तोड़कर गिरा दिया।
घरों से भी फेंके गए पत्थर
प्रदर्शनकारी सड़कों पर तो पत्थरबाजी करते नजर आए ही। मगर कई जगह घरों से भी लोगों ने पत्थरबाजी की, जिससे कई घरों के शीशे टूटने की खबर है। बाबरपुर में दो गुटों के बीच रह-रहकर पत्थरबाजी होती रही। इसमें कई लोगों के घायल होने के खबर है। वहीं, हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
रविवार को हुई हिंसा में चार एफआईआर
नार्थ ईस्ट जिले में रविवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस कुल चार एफआईआर दर्ज की हैं। इस हिंसा में दर्जन भर लोगों के अलावा 10 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। जबकि आधा दर्जन वाहनों को भी निशाना बनाया गया था।
पुलिस ने की अफवाह से बचने की अपील
सोमवार को हुई हिंसा के चलते दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी तरह की अफवाह से बचने की अपील की। लोगों से फोटो व वीडियो शेयर न करने के लिए कहा गया।
इलाके के लोग दहशत में
जहां-जहां हिंसा की घटनाएं हुईं वहां के स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। आलम ये है कि लोग घरों से बाहर निकलना तो दूर अपने घर के गेट तक खोलने में परहेज कर रहे हैं। इतना ही नहीं रोजाना उन मुख्य सड़कों से गुजरने वाले लोगों को भी कई किलोमीटर अधिक सफर कर के अपनी-अपनी मंजिलों पर पहुंच रहे हैं।


