Top
Begin typing your search above and press return to search.

अमेरिका में क्यों बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले

अमेरिकी सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल करीब 49,500 लोगों ने आत्महत्या कर ली. इससे पहले अमेरिका में कभी भी एक साल में आत्महत्या के इतने मामले सामने नहीं आये. आखिर क्या हो रहा है अमेरिका में?

अमेरिका में क्यों बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले
X

इन आंकड़ों को देने वाली संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अभी तक पिछले साल की आत्महत्या दर का हिसाब तो नहीं लगाया है, लेकिन उपलब्ध आंकड़े दिखा रहे हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद से देश में कभी आत्महत्या के इतने मामलेनहीं आये.

आत्महत्याओं में एक साल पहले के आंकड़ों के मुकाबले 2.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री हाविएर बेसेरा ने एक बयान में कहा, "10 में से नौ अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि अमेरिका एक मानसिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है. सीडीसी द्वारा दिए गए आत्महत्या के नए आंकड़े यह दिखाते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है."

बंदूकों की वजह से

उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग अभी भी मानते हैं कि मदद मांगना कमजोरी की निशानी है. सीडीसी के आंकड़ों ने यह भी दिखाया है कि पिछले साल हुए आत्महत्या के सभी मामलों में से आधे से भी ज्यादा में बंदूकें शामिल थीं.

फ्लोरिडा में रहने वाली 45 साल की क्रिस्टीना विल्बर के बेटे ने पिछले साल खुद को गोली मार कर अपनी जान ले ली थी. विल्बर कहती हैं, "कुछ तो गलत हो रहा है. यह संख्या बढ़नी नहीं चाहिए थी."

वो आगे कहती हैं, "मेरे बेटे को मरना नहीं चाहिए था. मुझे मालूम है कि यह पेचीदा है, मुझे वाकई यह मालूम है. लेकिन हम कुछ तो कर सकते हैं. ऐसा कुछ जो हम नहीं कर रहे हैं. क्योंकि अभी हम जो भी कर रहे हैं उसका असर नहीं हो रहा है."

विशेषज्ञों ने चेताया है कि आत्महत्या एक पेचीदा मामला है और हाल में संख्या में आये उछाल के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अवसाद की दर में बढ़ोतरी और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता शामिल है.

लेकिन मुख्य अमेरिकन फाउंडेशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ऑफ रिसर्च जिल हरकावी-फ्रीडमन का कहना है कि मुख्य कारणों में से एक है बंदूकों की बढ़ती उपलब्धता.

आत्महत्या की दूसरी कोशिशों के मुकाबले वो कोशिशें कहीं ज्यादा सफल होती हैं जिनमें बंदूकें शामिल हैं और बंदूकों की बिक्री बढ़ी है, जिससे ऐसे परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही है जिनमें बंदूकें मौजूद हों.

सालों से लगातार बढ़ रहे मामले

हाल ही में जॉन्स होप्किंस यूनिवर्सिटी ने 2022 के प्रारंभिक आंकड़ों का विश्लेषण कर देश में बंदूकों से आत्महत्या की दर निकाली. संस्थान के मुताबिक पिछले साल यह दर इतनी ऊंची हो गई थी जितनी पहले कभी नहीं हुई.

शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि पहली बार ब्लैक किशोरों में बंदूक से आत्महत्या की दर श्वेत किशोरों की दर से ज्यादा थी. हरकावी-फ्रीडमन कहते हैं, "मुझे नहीं पता कि आप बंदूकों की बात किये बिना आत्महत्या की बात कर सकते हैं या नहीं."

अमेरिका में आत्महत्या के मामले 2001-2002 के बाद से 2018 तक लगातार बढ़ते रहे. 2018 में 1941 के बाद सबसे ऊंची दर पर पहुंच गए. 2019 में मामले गिरे, 2020 में महामारी के पहले साल में भी गिरे. लेकिन 2021 में ये चार प्रतिशत बढ़ गए.

पिछल साल आंकड़ों में जो वृद्धि आई, उसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी 45 से ज्यादा उम्र के लोगों में आई. 45 से 64 साल के लोगों में आत्महत्या के मामले करीब सात प्रतिशत बढ़ गए और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में मामले आठ प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए. सीडीसी के मुताबिक विशेष रूप से श्वेत पुरुषों में दर काफी ऊंची है.

सीडीसी की मुख्य मेडिकल अधिकारी डॉक्टर डेब्रा होरी कहती हैं कि कई अधेड़ उम्र के लोगों और बुजुर्गों को नौकरी का चले जाना या पति या पत्नी को खो देना जैसी समस्याएं हो जाती हैं और यह जरूरी है कि हम उनकी मदद के रास्ते से स्टिग्मा और अन्य अड़चनों को हटाएं.

उम्मीद की किरण

25 से 44 साल के वयस्कों में आत्महत्या के मामले एक प्रतिशत बढ़ गए. नए आंकड़े दिखाते हैं कि इस उम्र के लोगों में जहां 2021 में आत्महत्या मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण थी, वहीं 2022 में यह दूसरा सबसे बड़ा कारणबन गई.

दुखी कर देने वाले इन आंकड़ों के बावजूद कुछ लोगों का कहना है कि अभी भी उम्मीद बाकी है. साल भर पहले एक राष्ट्रीय संकट फोन लाइन शुरू की गई थी, जिसकी मदद से अमेरिका में कोई भी 998 डायल कर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात कर सकता है.

सीडीसी अलग अलग समुदायों में आत्महत्या से बचाने के लिए बनाए गए एक कार्यक्रम का और विस्तार कर रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस विषय को लेकर जागरूकता भी बढ़ रही है. मदद मांगने की स्वीकार्यता भी बढ़ रही है.

10 से 24 साल के लोगों के बीच आत्महत्या के मामलों में आठ प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. सीडीसी के अधिकारियों के मुताबिक हो सकता है कि यह युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा ध्यान देने और इस समस्या पर ध्यान देने के लिए स्कूलों पर जोर देने की वजह से हुआ हो.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it