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दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां सोमवार को सवाल उठाया कि देशभर में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं

दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों?
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हैदराबाद। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां सोमवार को सवाल उठाया कि देशभर में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? महिला स्वसहायता समूह की बैठक में राहुल ने कहा कि वैसे तो मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को नारा देते हैं, लेकिन विभिन्न राज्यों में महिलाओं व बच्चियों से हो रहे दुष्कर्म पर चुप्पी साधे हुए हैं।

राहुल ने कहा, "उत्तर प्रदेश में एक भाजपा विधायक ने एक युवती से दुष्कर्म किया लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। बिहार में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म किया गया लेकिन वह एक शब्द नहीं बोले। दुष्कर्म की घटनाएं समूचे देश में हो रही हैं लेकिन इस पर वह अपना मुंह नहीं खोलते।"

कांग्रेस प्रमुख तेलंगाना विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत करने के लिए दो दिन के दौरे पर यहां पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं की तरक्की के बिना देश की प्रगति नहीं हो सकती और उन्हें राजनीति, अर्थव्यवस्था व जीवन के अन्य क्षेत्रों में भागीदारी करनी चाहिए।

स्वसहायता समूहों को महिला सशक्तीकरण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए राहुल ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी तेलंगाना और केंद्र की सत्ता में आती है तो इन स्वसहायता समूहों को सभी तरह की मदद दी जाएगी, जैसा कि कांग्रेस पार्टी की पूर्ववर्ती सरकारें देती आई हैं।

राहुल ने जब महिलाओं से बात की तो उनसे शिकायत की गई कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने स्वसहायता समूहों द्वारा लिए गए बैंक ऋण के ब्याज का हिस्सा चुकाना बंद कर दिया है। उन्होंने अविभाजित आंध्र प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बेरोजगारों के लिए चलाई गई 'अभय हस्तम' योजना का जिक्र किया। यह भागीदारी पेंशन योजना स्वसहायता समूहों के सदस्यों के लिए थी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह स्वसहायता समूहों के कर्ज का ब्याज भरेगी और पेंशन योजना फिर से शरू करेगी।

राहुल ने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस सरकार ने 15 बड़े उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिए, लेकिन महिलाओं, किसानों और लघु व मध्यम उद्यमों के कर्ज माफ नहीं किए।

उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी का मकसद गरीबों की जेब से पैसे खींचकर बड़े उद्योगपतियों व व्यवसायियों के कर्ज माफ करना था।

जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) को 'गब्बर सिंह टैक्स' नाम देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने दोहराया कि उनकी पार्टी अगर सत्ता में आई तो जीएसटी के लिए एक दर लागू करेगी और लोगों को हर महीने कई तरह के फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


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