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किसानों की दशा क्यों नहीं सुधार पायीं मोदी सरकार

चंदूमाजरा ने कहा कि खेती में पहले ही घाटा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में आलू एवं धान के किसानों की दिक्कतें ज़्यादा पीड़ादायक हो गयी हैं

किसानों की दशा क्यों नहीं सुधार पायीं मोदी सरकार
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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के महत्वपूर्ण घटक शिरोमणि अकाली दल ने अाज सरकार से मांग की कि वह खेती किसानी से संबंधित नीति की समीक्षा करे और पता लगाये कि वे किसानों की दशा सुधारने में कामयाब क्यों नहीं हो पायीं।

लोकसभा में शून्य काल में शिराेमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने पंजाब में आलू एवं धान की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा का मामला उठाया और कहा कि आलू के दाम सही नहीं मिलने के कारण किसान अपनी फसल को सड़क पर फेंकने काे मजबूर हुआ है। इसी प्रकार से सरकार की तमाम घोषणाआें एवं नीतियों के बावजूद बासमती एवं गैरबासमती चावल के मामले में किसानों को 1750 रुपए का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।

चंदूमाजरा ने कहा कि खेती में पहले ही घाटा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आलू एवं धान के किसानों की दिक्कतें ज़्यादा पीड़ादायक हो गयी हैं। उन्होंने मांग की कि संसद में किसानों की समस्याओं पर तीन दिन की विशेष चर्चा करायी जाए। इस बात पर विचार हो किस प्रकार से खेती को लाभ का सौदा बनाया जाये।

उन्होंने मांग की कि एक अलग से निगम बनाया जाये जो आलू एवं चावल की खरीद करे। सरकार को चावल 2500 रुपए प्रति क्विंटल के दाम से खरीदना चाहिए।उन्होंने कहा कि सरकार को भी कृषि एवं किसानों के कल्याण की नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर क्या कारण है कि उनका फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है। सरकार को इस स्थिति काे दुरुस्त करने के लिए आवश्यक उपाय करने की जरूरत है।


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