Top
Begin typing your search above and press return to search.

क्यों परेशान है भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग

भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है. अब उद्योग से जुड़े लोग इस पर दोबारा विचार करने की अपील कर रहे हैं.

क्यों परेशान है भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग
X

भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स लगेगा.

वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग परेशान है. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने इस मुद्दे पर भारतीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है.

एक सौ से अधिक गेमिंग कंपनियों ने वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है कि 28 प्रतिशत का टैक्स विदेशी निवेश का गला घोंट देगा और इस क्षेत्र में पहले से निवेश किए गए 2.5 अरब डॉलर को दांव पर डाल देगा.

फैसले को लेकर उद्योग के हितधारकों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है. हितधारकों ने पिछले हफ्ते ही ऑनलाइन गेमिंग के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी को "असंवैधानिक, तर्कहीन और गंभीर" करार दिया था. ऑनलाइन गेमिंग के उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस कदम से इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी और नौकरियों पर भी खतरा मंडराने लगेगा.

उद्योग से जुड़े लोगों ने जीएसटी परिषद और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.

टैक्स के बोझ से परेशान गेमिंग इंडस्ट्री

सरकार सभी ऑनलाइन गेमों पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाना चाहती है, ताकि युवाओं को इन्हें खेलने की लत लगने से रोका जा सके.

भारत में ऑनलाइन गेम्स जैसे कि फैंटैसी क्रिकेट हाल के सालों में काफी लोकप्रिय हुए हैं, साथ ही इस खेल की लत लगने को लेकर चिंताएं भी बढ़ी हैं.

टाइगर ग्लोबल और पीक XV समेत कई विदेशी कंपनियों ने भारत में ड्रीम11 और मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जैसी भारतीय गेमिंग कंपनियों में निवेश किया हुआ है.

एमपीएल समेत गेमिंग कंपनियों ने नौकरियों और निवेश पर प्रभाव को उजागर करते हुए वित्त मंत्री से इस कदम पर दोबारा विचार करने की अपील की है.

"निवेश पर पड़ेगा बुरा असर"

इस पत्र में कहा गया है कि यह टैक्स घरेलू और विदेशी दोनों संभावित निवेशकों को भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को एक व्यवहार्य निवेश गंतव्य के रूप में विचार करने से रोकेगा. उद्योग जगत का यह भी दावा है कि इस फैसले के आधार पर मौजूदा 2.5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश दांव पर है.

गेमिंग उद्योग के इस पत्र पर वित्त मंत्रालय ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया. इस मुद्दे पर रॉयटर्स ने भी वित्त मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी, जिस पर कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है.

केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा है कि सरकार का मानना है कि टैक्स से सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा. वित्त वर्ष 2023 में सरकार को ऑनलाइन गेमिंग से 1,700 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it