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बैंक धोखाधड़ी मामले में फ्रॉस्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस ने फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशकों के खिलाफ समय पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर सरकार की निंदा की

बैंक धोखाधड़ी मामले में फ्रॉस्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशकों के खिलाफ समय पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर सरकार की निंदा की। फ्रॉस्ट इंटरनेशनल पर बैंकों से 3,592 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आरोप लगाया कि यह सरकार थी जिसने घोटाले की शिकायत दर्ज होने से रोका था।

शेरगिल ने सवाल किया, "जब ऋण देने वाले बैंकों के संघ ने 15 जून, 2019 को शिकायत दर्ज की आधिकारिक अनुमति दी थी तो शिकायत दर्ज करने में सात महीने से अधिक का समय क्यों लगा? क्या भाजपा सरकार में कोई व्यक्ति शिकायत के दर्ज करने को रोक रहा था?"

उन्होंने कहा, "जब पीएसबी के बोर्ड में सरकार के मनोनीत व्यक्ति जानते थे कि कंपनी पैसा नहीं लौटा पा रही है। एमएचए को लुकआउट नोटिस जारी करने के आग्रह में एक साल का समय क्यों लगा?"

कांग्रेस ने लुकआउट नोटिस जारी करने में देरी पर सवाल उठाया।

शेरगिल ने कहा, "18 जनवरी 2019 को एलओसी के जारी होने के बावजूद, भाजपा सरकार में किसके निर्देश पर जांच एजेंसियों ने 19 जनवरी 2020 तक पूरे एक साल तक संदिग्ध अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया, जिनका आज की तारीख तक पता नहीं है।"

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकाल में कुल बैंक धोखाधड़ी 2.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।


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