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खुफिया अलर्ट : राजधानी के इन इलाकों में पुलिस को 24 घंटे 'अलर्ट' क्यों रहना है? 

खुफिया तंत्र ने त्योहारों के इस मौसम और कोरोना की कमर तोड़ने के लिए चल रहे भागीरथी प्रयासों में पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है।

खुफिया अलर्ट : राजधानी के इन इलाकों में पुलिस को 24 घंटे अलर्ट क्यों रहना है? 
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नई दिल्ली | खुफिया तंत्र ने त्योहारों के इस मौसम और कोरोना की कमर तोड़ने के लिए चल रहे भागीरथी प्रयासों में पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है। खुफिया तंत्र ने जारी इनपुट में साफ साफ आगाह किया है कि राष्ट्रीय राजधानी के कौन कौन से इलाके और क्यों बेहद संवेदनशील हैं? इन इलाकों के अंदरुनी क्षेत्रों यानी गली-मुहल्लों के भीतर तक चप्पे चप्पे में पुलिस और अर्धसैनिक बलों का फ्लैग-मार्च वक्त गंवाये बिना ही तत्काल शुरू करा दिये जाने की सलाह भी दी गयी है।

खुफिया तंत्र द्वारा 12 अप्रैल 2020 को जारी और आईएएनएस के पास मौजूद इस आदेश की शुरूआत, 24 मार्च 2020 से हिंदुस्तान में कोविड-19 को हराने के लिए छिड़ी लड़ाई और महाबंद से शुरू होती है। खुफिया तंत्र ने अपने इस खास इनपुट में साफ साफ लिखा है कि लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के किन किन इलाकों में भीड़ बेतहाशा बढ़ जायेगी? इन इलाकों में खुफिया तंत्र के साथ साथ स्थानीय पुलिस को भी बेहद सतर्क नजरें रखनी होंगीं। इस काम में दिल्ली पुलिस खुफिया तंत्र (इंटेलीजेंस विंग/ स्पेशल ब्रांच) 'फील्ड-स्टाफ' को भी बहुत सतर्क रहना होगा।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, "शाहदरा जिले के थाना शाहदरा में मौजूद सब्जी मंडी, उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के थाना शास्त्री पार्क इलाके में स्थित शात्री पार्क का एबीसीडी ब्लॉक और यहां स्थित बुलंद मसजिद इलाका सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ने और भीड़ के नजरिये से बेहद संवेदनशील हैं। इसी तरह इस जिले के थाना उस्मानपुर क्षेत्र में पड़ने वाला शास्त्री पार्क का ईएफजीएच ब्लॉक भी संवेदनशील है।"

इंटेलीजेंस विभाग की इस रिपोर्ट के मुताबिक, "उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के थाना सीलमपुर और जाफराबाद में जाफरबाद और चौहान बांगर के अंदर के इलाकों में पुलिस को बेहद चौकन्ना रहना होगा, जबकि थाना सीमापुरी के अंतर्गत आने वाले नये और पुराने सीमापुरी इलाकों पर कड़ी नजर सिविल पुलिस को रखनी होगी। फरवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में हिंसा की भेंट चढ़े थाना दयालपुर और गोकुलपुरी के अंतर्गत स्थित मोहल्ला चांद बाग, मुस्तफाबाद, ब्रिजपुरी तथा थाना जगतपुरी का खजूरी खास निकट इमामबाड़ा और परवाना रोड स्थित रशीद मार्केट पर थाना पुलिस को कड़ी निगाहें रखनी पड़ेंगी।"

बेहद संवेदनशील इस खुफिया रिपोर्ट में, पूर्वी दिल्ली जिले के त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी जबकि, मध्य और उत्तरी दिल्ली जिलों में स्थित पुरानी दिल्ली के कई घनी आबादी वाले इलाकों की पुलिस को भी हर लम्हा सतर्क रहने का इशारा किया गया है। रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि, इन सभी इलाकों की गलियों तक में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियों को हर वक्त फ्लैग-मार्च जारी रखना होगा।

इंटेलीजेंस रिपोर्ट में दर्ज स्थानों के मुताबिक दक्षिण और दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिलों के दक्षिणपुरी, अंबेडकर नगर, गोविंदपुरी, शाहीन बाग बेहद घनी आबादी वाली कालोनियां/मुहल्ले हैं। इन पर भी थाना पुलिस और इंटेलीजेंस फील्ड स्टाफ को अपनी पैनी नजर रखनी होगी।

दिल्ली पुलिस महकमे को आगाह करती इस खुफिया रिपोर्ट में साफ साफ दर्ज है कि, "रिपोर्ट में इंगित सभी स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए पुलिस और पैरा-मिल्रिटी की गश्त बेहत जरुरी है। इन इलाकों में जो भी पुलिस-पिकेट स्टाफ ड्यूटी दे, वो 'वॉडी-कैमरा' और 'डिजिटल कैमरा' तथा वायरलेस सेट से लैस होना चाहिए।" रिपोर्ट में ड्रोन कैमरों की मदद लेने को भी सिविल पुलिस से कहा गया है।

रिपोर्ट में साफ साफ दर्ज है कि, ड्रोन कैमरों की मदद से सोशल डिस्टेंसिंग की निगरानी तो होगी ही। इससे दूसरी महत्वपूर्ण जानकारी यह भी मिल सकेगी कि कहीं किसी जगह पर छतों के ऊपर ईंट-पत्थर या फिर और कोई संदिग्ध चीज तो इकट्ठी करके नहीं रखी गयी है।

हालांकि रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं है, मगर माना यह जा रहा है कि, छतों पर जमा ईंट-पत्थरों पर नजर शायद इसलिए रखवाई जा रही है ताकि, आपात स्थिति में हालात कहीं फिर उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले की हिंसा जैसी न बन पड़ें। जिसमें 24-25 फरवरी 2020 को हुई हिंसा में हिंसा पर उतरे लोगों ने, छतों पर पहले से इकट्ठे करके रखे ईंट-पत्थर, तेजाब की बोतलों और पेट्रोल बमों का ही जमकर इस्तेमाल करके तबाही मचाई थी।


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