Top
Begin typing your search above and press return to search.

गौरक्षकों पर पशु तस्करों के हमले पर आवाज क्यों नहीं उठाती : भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को यहां कहा कि गाय के नाम पर हिंसा के संदर्भ में 'दोहरे मापदंड' अपनाए जाते हैं

गौरक्षकों पर पशु तस्करों के हमले पर आवाज क्यों नहीं उठाती : भागवत
X

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को यहां कहा कि गाय के नाम पर हिंसा के संदर्भ में 'दोहरे मापदंड' अपनाए जाते हैं। जब पशु तस्कर गौरक्षकों पर हमला करते हैं तो कोई 'आवाज' नहीं उठाता।

उन्होंने यह भी कहा कि जो वास्तव में गाय की सेवा में संलिप्त हैं, जिनमें मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं और वे गौशाला को संभालती हैं, उन्हें लिंचिंग की घटनाओं के साथ नहीं जोड़ना चाहिए।

भागवत ने यहां व्याख्यान समारोह के अंतिम दिन प्रश्नोत्तर सत्र में कहा, "पशु तस्करों पर हमले होते हैं। लिंचिंग पर हंगामा मचता है, लेकिन जब गौ तस्कर हमला करते हैं और हिसा में संलिप्त होते हैं, तो इसपर कोई आवाज नहीं उठाता। हमें इस दोहरे मापदंड से बचना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि गाय समेत किसी भी मुद्दे पर कानून अपने हाथ में लेना 'अनुचित' है और अपराध के लिए सजा दिए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि 'गौरक्षा तो होनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, "गाय की अवश्य रक्षा की जानी चाहिए। इसका संविधान में भी उल्लेख है। इसलिए इसपर कार्य होना चाहिए। लेकिन गाय रक्षा केवल कानून के जरिए ही नहीं हो सकती। गौ रक्षकों को निश्चित ही गाय को रखना चाहिए। अगर वे गाय को खुले में छोड़ देंगे तो, इससे परेशानी की स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए गायों को संरक्षित किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि गाय पालन से लोगों में आपराधिक प्रवृत्ति कम होती है।

भागवत ने कहा, "कई लोग देश में अच्छी गौशाला चला रहे हैं, और उसमें कई मुस्लिम भी शामिल हैं। पूरा जैन समुदाय गौरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए उन्हें लिंचिंग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it