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'दिल्ली सरकार राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए निजी फर्मो से क्यों चाहती साझेदारी?'

दिल्ली भाजपा ने रविवार को पूछा कि राज्य सरकार राशन की होम डिलीवरी के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी क्यों करना चाहती है

दिल्ली सरकार राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए निजी फर्मो से क्यों चाहती साझेदारी?
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नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा ने रविवार को पूछा कि राज्य सरकार राशन की होम डिलीवरी के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी क्यों करना चाहती है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर घर-घर राशन पहुंचाने के नाम पर बिचौलियों की फौज खड़ी करने का आरोप लगाया है।

केजरीवाल सरकार की मंशा इन बिचौलियों का इस्तेमाल इन दुकानों तक राशन पहुंचाने की होती दिख रही है।

उन्होंने कहा कि राशन अपने गंतव्य तक पहुंचता है, यह तब तक गौण है, जब तक इसमें बिचौलियों से अपना हिस्सा लिया जाता है।

दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, केंद्र द्वारा पूरे देश में ई-पीओएस डिवाइस लगाए गए हैं। दिल्ली में, हालांकि, योजना को एक बार लागू करने के बाद वापस ले लिया गया था। यह भ्रष्टाचार का एक प्रमुख उदाहरण था।

गुप्ता ने यह भी बताया कि केजरीवाल सरकार ने जनवरी 2018 में ई-पीओएस प्रणाली लागू की थी, जिसके बाद चार लाख फर्जी राशन कार्डधारकों की पहचान की गई थी और उनकी सरकार ने अप्रैल 2018 में योजना को ठंडे बस्ते में डालने के बजाय उन्हें बाहर कर दिया था।

केजरीवाल की सरकार की मंशा पर संदेह जताते हुए गुप्ता ने पूछा कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से सालाना 1,000 करोड़ रुपये का राशन निजी कंपनियों को क्यों सौंपना चाहती है।

उन्होंने कहा, इस बात की क्या गारंटी है कि राशन इच्छित लाभार्थी तक पहुंच जाएगा और उसका गबन नहीं किया जाएगा।

गुप्ता ने यह भी कहा कि निजी कंपनियों द्वारा संचालित की जाने वाली डोरस्टेप डिलीवरी प्रणाली भ्रष्टाचार का कारण बनती है।


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