कनाडा के हडसन बे के भालू क्यों गायब हो रहे हैं
कनाडा के वेस्टर्न हडसन बे में ध्रुवीय भालुओं की आबादी महज पांच सालों में 27 फीसदी कम हो गयी है. इस हफ्ते जारी सरकार की एक रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन किस तरह धरती के जीवों पर असर डाल रहा है.

हर साल पतझड़ के मौसम में हडसन बे के किनारों पर रहने वाले ध्रुवीय भालू मैनितोबा के चर्चिल शहर से गुजरते हैं. चर्चिल को पोलर बीयर कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड भी कहा जाता है. यह जगह ना सिर्फ भालुओं पर रिसर्च करने वालों बल्कि सैलानियों की भी पसंदीदा जगह बन गई है. यहां इन ध्रुवीय भालुओं को देखने आने वालों की वजह से सालानों कई लाख डॉलर की अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है.
ध्रुवीय भालुओं को नहीं मिल रहा खाना
कितने कम हुए भालू
हालांकि सरकार के एक आकलन में पता चला है कि 2021 तक सिर्फ 618 भालू ही बचे हैं. यह संख्या 1980 के दशक की तुलना में 50 फीसदी कम है. हर पांच साल पर यहां भालुओं की गिनती कराई जाती है. 2021 में अगस्त के आखिर से लेकर शुरुआती सितंबर तक हुई आखिरी गिनती में गिनती करने वालों को 194 भालू नजर आये. इसके आधार पर उन्होंने कुल संख्या 618 रहने की बात कही है.
इससे पांच साल पहले हुई गिनती में यह संख्या 842 थी. वैज्ञानिक इस कमी के पीछे आस पास के इलाकों में भालुओं के निर्वासन और शिकार को भी जम्मेदार मानते हैं. हालांकि असल कारण जलवायु परिवर्तन को ही माना जा रहा है.
गैरसरकारी संरक्षण संगठन पोलर बीयर्स इंटरनेशनल के प्रमुख शोध वैज्ञानिक जॉन व्हाइटमैन का कहना है, "यह एक झटका देने वाली बात है. वास्तव में इस तरह की कमियों का मतलब है कि सागर में घटती बर्फ को अगर रोका नहीं गया तो आखिर में ये लुप्त हो जायेंगे."
भालू चले गये लेकिन सवाल छोड़ गये
क्यों घट रही है भालुओं की आबादी
ध्रुवीय भालू शिकार के लिए समुद्री बर्फ पर निर्भर हैं वो सांस लेने के लिए बने सुराखों से सील को पकड़ लेते हैं. आर्कटिक बाकी दुनिया की तुलना में चार गुना ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है ऐसे में मौसमी बर्फ वसंत के मौसम में जल्दी पिघल जा रही है और पतझड़ के मौसम में देर से जम रही है तो इन भालुओं को बहुत ज्यादा समय बगैर भोजन के गुजारना पड़ रहा है.
वैज्ञानिकों ने सावधान किया है कि घटती आबादी और सागर में बर्फ की कमी के बीच सीधा संबंध अभी साफ नहीं है. क्योंकि पिछले पांच सालों में बर्फ की स्थिति थोड़ी सी बेहतर रही है. हालांकि उनका यह भी कहना है कि जलवायु में परिवर्तन के कारण स्थानीय सील की आबादी में आया बदलाव भालुओं की संख्या घटने की वजह हो सकता है.
स्वतंत्र वन्यजीव जीवविज्ञानी स्टीफन एटकिंसन ने सरकार की तरफ से कराये रिसर्च का नेतृत्व किया है. उनका कहना है कि यह संभव है कि कुछ भालू कहीं चले गये हों लेकिन "वयस्क नर भालुओं की संख्या लगभग वही है. कमी छोटे भालुओं और वयस्क मादाओं में आयी है. उन्होंने यह भी कहा कि आबादी के आंकड़ों में बदलाव इस विचार से मेल नहीं खाते कि भालू वेस्टर्न हडसन बे से बाहर जा रहे हैं.
एल्बर्टा यूनिवर्सिटी की पोलर बीयर साइंस लैब के प्रमुख एंड्रयू डेरोशे का कहना है, "2021 में बहुत कम संख्या में भालू के बच्चे पैदा हुए. हम आबादी को धीरे-धीरे बूढ़ा होते देख रहे हैं और जब साल बुरे होते हैं तो बूढ़े भालू बढ़ी हुई मृत्यु दर के आगे ज्यादा लाचार दिखते हैं."
तेजी से घट रही है भालुओं की आबादी
वैज्ञानिक इसलिए भी चिंता में हैं क्योंकि रिपोर्ट में कहा गया है कि भालुओं की संख्या में कमी तेज होती जा रही है. 2011 और 2016 के बीच भालुओं की आबादी केवल 11 फीसदी कम हुई. ध्रुवीय भालू के 19 समुदाय रूस, अलास्का, नॉर्वे, ग्रीनलैंड और कनाडा में रहते हैं. हालांकि वेस्टर्न हडसन सबसे दक्षिण में है और वैज्ञानिकों का कहना है कि सबसे पहले यहीं के भालू गायब होंगे.
2021 में नेचर क्लाइमेंच चेंज फंड जर्नल की एक स्टडी में बताया गया कि दुनिया भर में ध्रुवीय भालुओं की आबादी तेजी से खत्म हो रही है. अगर 2100 तक ग्रीन हाउस गैसों में भारी कटौती नहीं की गई तो वे पूरी तरह लुप्त हो जायेंगे.


