पॉक्सो एक्ट का केस दर्ज होने के बावजूद बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं : सिद्धू
दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिद्धू ने सोमवार को सवाल किया कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर केस दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया

नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिद्धू ने सोमवार को सवाल किया कि कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर केस दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? उनके खिलाफ गैर-जमानती पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही सिद्धू ने भाजपा सांसद को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।
उन्होंने विरोध करने वाले पहलवानों से मिलने के बाद मीडिया से कहा, यह जानना कि क्या सही है और यह नहीं करना सबसे बड़ी कायरता है। प्राथमिकी में देरी क्यों हुई? प्राथमिकी को सार्वजनिक नहीं करना दर्शाता है कि यह हल्की है और शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि नहीं करती है।
सिद्धू ने बृजभूषण शरण सिंह को बचाने के पीछे की मंशा पर भी सवाल उठाए।
इरादा संदिग्ध है और मकसद अभियुक्तों की रक्षा करना है। क्या चीजें छुपाई जा रही हैं? एफआईआर में देरी करने वाले अधिकारी पर आईपीसी की धारा 166 के तहत मुकदमा क्यों नहीं चलाया जा रहा है?
बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोप से संबंधित है, जिसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है।
दूसरी प्राथमिकी यौन शोषण से संबंधित आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज की गई है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सिद्धू ने एक ट्वीट कर सवाल किया, पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले गैर-जमानती होते हैं.. अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या शक्तिशाली व्यक्ति के लिए कानून अलग है?
उनके रहते निष्पक्ष जांच असंभव है। सब जानते हैं कि समिति का गठन मामले को टालने के लिए किया गया है। सच्चाई को उजागर करने का एकमात्र तरीका 'हिरासत में पूछताछ' है, इसके बिना निष्पक्ष जांच अर्थहीन है।
सिद्धू ने कहा, लड़ाई हर महिला के सम्मान और गरिमा के लिए है।


