Top
Begin typing your search above and press return to search.

व्हाइट हाउस : भारतीय छात्रों पर हमले रोकने के लिए काम कर रहा बाइडेन प्रशासन

अमेरिका में भारतीय और भारतीय-अमेरिकी छात्रों पर हमलों की घटनाओं के मद्देनजर व्हाइट हाउस ने टिप्पणी दी है. पिछले कई हफ्तों में कम से कम चार छात्रों की वहां मौत हुई है

व्हाइट हाउस : भारतीय छात्रों पर हमले रोकने के लिए काम कर रहा बाइडेन प्रशासन
X

अमेरिका में भारतीय और भारतीय-अमेरिकी छात्रों पर हमलों की घटनाओं के मद्देनजर व्हाइट हाउस ने टिप्पणी दी है. पिछले कई हफ्तों में कम से कम चार छात्रों की वहां मौत हुई है.

व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन भारतीय और भारतीय-अमेरिकी छात्रों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हिंसा को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है.

भारतीय अमेरिकी और भारतीय समुदाय के छात्रों पर हुए हमले के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने कहा "हिंसा को सही ठहराने के लिए कोई दलील स्वीकार नहीं की जा सकती. नस्ल, धर्म, लिंग या किसी आधार पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह अमेरिका में स्वीकार्य नहीं है."

"कड़ी मेहनत कर रहा बाइडेन प्रशासन"

प्रेस को संबोधित करते हुए किर्बी ने कहा "राष्ट्रपति और उनका प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत-बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है कि हम राज्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रकार के हमलों को विफल करने और रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें."

उन्होंने कहा, "अगर कोई इस तरह की हिंसा करता है या नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है तो कानूनी रूप से उसकी जवाबदेही तय की जाएगी."

अमेरिका में निशाने पर भारतीय छात्र

हाल के महीनों में अमेरिका में कई भारतीय छात्रों और भारतीय मूल के लोगों पर हमले हुए हैं. 7 फरवरी को वॉशिंगटन में एक रेस्तरां के बाहर भारतीय मूल के एक 41 वर्षीय अधिकारी पर हमला हुआ था. उस अधिकारी का नाम विवेक तनेजा था और वह एक टेक कंपनी में काम करता था. उसे गंभीर चोटें आईं थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

इससे पहले 4 फरवरी को शिकागो में भारतीय छात्र सैयद मजहर अली पर जानलेवा हमला हुआ था. अली ने हमले के बाद एक वीडियो भी बनाया था जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.

फरवरी महीने की शुरुआत में श्रेयस रेड्डी नाम का एक भारतीय छात्र ओहियो के सिनसिनाटी में मृत पाया गया था. हालांकि, उसकी मौत का कारण अभी तक अज्ञात है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रेड्डी लिंडर स्कूल ऑफ बिजनेस का छात्र था.

30 जनवरी को अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र नील आचार्य का शव कैंपस में पाया गया था. नील पिछले कई दिनों से लापता था. अमेरिकी काउंटी के कोरोनर ने नील की मौत पर कहा था कि शव के परीक्षण के दौरान हमले या महत्वपूर्ण चोटों के कोई निशान नहीं पाए गए. उन्होंने पुष्टि की कि उसकी मौत में कोई गड़बड़ी होने का संदेह नहीं है.

वहीं एक और भारतीय छात्र विवेक सैनी की 16 जनवरी को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. वह जॉर्जिया में एक स्टोर में पार्ट टाइम काम करता था और उसने एक बेघर की मदद की थी, उसी बेघर व्यक्ति ने उसकी हथौड़े से मारकर हत्या कर दी.

इन हमलों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी टिप्पणी दी थी. 8 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हमले को लेकर एक बयान में कहा था पांच भारतीय छात्र हैं जिनकी मौत हुई है, इनमें भारतीय प्रवासी छात्र भी शामिल हैं. इन पाचों में से दो भारत के नागरिक हैं और बाकी तीन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं.

जायसवाल ने बताया था कि विवेक सैनी की हत्या के आरोपी को पकड़ लिया गया और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. जायसवाल का कहना था कि भारतीय छात्रों पर हमले के मामले में भारतीय दूतावास स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है.

अमेरिकी सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी विश्वविद्यालयों को चुनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. एक साल में 35 प्रतिशत उछाल के साथ 2022-23 में यह आंकड़ा 2,68,923 पर पहुंच गया. अब अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाला हर चौथा विदेशी छात्र भारतीय है


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it