भूपेश बघेल का विरोध करते-करते भाजपा छत्तीसगढिय़ा संस्कृति का विरोध करने लगी : कांग्रेस
पहले छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना का विरोध किया अब स्वरूप का विरोध कर रहे

रायपुर। भाजपा भूपेश बघेल का विरोध करते-करते छत्तीसगढिय़ा संस्कृति का विरोध करने लगी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना का विरोध किया अब स्वरूप का विरोध कर रहे। नितिन नवीन के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगाने और छत्तीसगढिय़ावाद के विरोध के दो दिन बाद भी भाजपा नेताओं द्वारा उनके बयान पर खेद प्रकट नहीं करना इस बात को साबित करता है कि भाजपा अपने सहप्रभारी के द्वारा छत्तीसगढ़ के लोगों के सम्मान के विरोध में दिये गये बयान से सहमत है।
यह दुर्भाग्यजनक है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन नवीन के बयानों पर पर्दा डालने कुतर्क कर रहे। अभी तक नितिन नवीन छत्तीसगढ़ महतारी का विरोध कर रहे थे। अब अजय चंद्राकर जैसे नेता छत्तीसगढ़ महतारी के स्वरूप पर सवाल खड़ा कर रहे है। भाजपा मानसिक रूप से छत्तीसगढ़ की संस्कृति की विरोधी है।
प्रभारी को आगे करके छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता राज्य की अस्मिता पर प्रहार कर रहे भूपेश बघेल का विरोध करते-करते भाजपाई छत्तीसगढिय़ा संस्कृति का विरोध करने लगे है।
श्री शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की संस्कृति, तीज त्योहारों, परंपरा स्थानीय बोली भाषा को बढ़ावा देने के लिये प्रयास कर रहे है। तीजा पर छुट्टी, तीजा पोला, हरेली, कमरछठ का मुख्यमंत्री निवास सहित शासकीय स्तर पर आयोजन कर छत्तीसगढिय़ा त्योहारों का मान बढ़ाया है।
श्री राम वन गमन पथ और माता कौशल्या मंदिर के निर्माण से छत्तीसगढ़ की वैभवशाली आध्यात्मिक परंपरा पुर्नजीवित हुई। विश्व आदिवासी नृत्य महोत्सव, आदिवासी साहित्य सम्मेलन का आयोजन कर कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राचीन आदिवासी संस्कृति को देश दुनिया के सामने लाकर गौरवान्वित करने का काम किया है।


