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किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हैं आज अहम सुनवाई

आज बुधवार का दिन राजधानी दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए काफी अहम दिन हैं क्योंकि आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हैं आज अहम सुनवाई
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नई दिल्ली। आज बुधवार का दिन राजधानी दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए काफी अहम दिन हैं क्योंकि आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। जी हां आज बुधवार को कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार 21वें दिन भी जारी है और किसान कानूनों की वापसी के लिए दिल्ली की तमाम सीमाओं पर जमे हुए हैं। इस तेज होते विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई होनी है। किसानों के आंदोलन की वजह से हो रही परेशानी के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें इस आंदोलन से होने वाली परेशामियों का जिक्र किया गया है और इस आंदोलन पर फैसला लेने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इन याचिकाओं में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जाम और कोरोना वायरस संकट का भी जिक्र किया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो देश में कोरोना महामारी का प्रकोप और ज्यादा बढञ जाएगा। खास बात ये है कि कोर्ट में सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। अब इन याचिकाओं पर आज चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।

आज सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर अटकी हैं कि इस किसान आंदोलन को लेकर आखिर में कोर्ट का क्या रुख होता है। क्या सुप्रीम कोर्ट इस आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लेती है या ये आंदोलन अफने आखिरी मुकाम पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाएगा इसका फैसला आज होगा।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर देश के किसान राजधानी दिल्ली की सड़कों पर हैं। जी हां पिछले 20 दिनों से इस कड़ाके की ठंड और बारिश में ये किसान सड़कों पर अपनी मांगे लेकर डटे हुए हैं। किसानों की सीधी मांग है कि केंद्र सरकार ये कृषि कानून वापस ले। जहां एक तरफ ये किसान अपनी मांग पर अड़े हैं तो वहीं सरकार इन कानूनों में संशोधन को तो तैयार है लेकिन इसकों वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है और ये बेनतीजा रही। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों को समझाने बुझाने की बहुत कोशिश की लेकिन सब असफल रहा। अब सरकार और किसान दोनों ही अपनी अपनी बातों पर अड़े हुए हैं। सिंघु-टिकरी बॉर्डर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान महीनों का सामाना अपने घरों से लेकर आए हैं और अब सरकार से अपनी बात मनवा कर ही वापसी का इरादा है।


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