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जब जनगणना हुई ही नहीं, तब मुस्लिम आबादी बढ़ने की बात बेमानी : उदित राज

कांग्रेस नेता और उत्तर-पश्‍चिमी दिल्‍ली से लोकसभा उम्‍मीदवार उदित राज ने कहा कि जब 2011 के बाद जनगणना हुई ही नहीं, तब किस समुदाय की आबादी बढ़ गई और किसकी नहीं बढ़ी, इस पर बात करनी बेमानी है

जब जनगणना हुई ही नहीं, तब मुस्लिम आबादी बढ़ने की बात बेमानी : उदित राज
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और उत्तर-पश्‍चिमी दिल्‍ली से लोकसभा उम्‍मीदवार उदित राज ने गुरुवार को कहा कि जब 2011 के बाद जनगणना हुई ही नहीं, तब किस समुदाय की आबादी बढ़ गई और किसकी नहीं बढ़ी, इस पर बात करनी बेमानी है।

दरअसल, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के एक अध्ययन से पता चला है कि 1950 से 2015 के बीच भारत में बहुसंख्यक धर्म (हिंदुओं) की आबादी में 7.8 प्रतिशत की तेज से गिरावट आई है, जबकि मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत, ईसाइयों की आबादी में 5.38 प्रतिशत, सिखों की आबादी में 6.58 प्रतिशत और बौद्धों की आबादी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस बावत पूछे जाने पर उदित राज ने आईएएनएस से कहा, "भारत में सिर्फ मुस्लिमों की आबादी नहीं बढ़ी है, बल्‍कि सभी समुदायों की बढ़ी है। चुनाव के समय मुस्लिमों की आबादी बढ़ने का मुद्दा उठाना वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयास के सिवा और कुछ नहीं है।"

उन्‍होंने कहा, 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई है, 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन सरकार ने कोविड का बहाना बनाकर जनगणना नहीं करवाई। जब तक जनगणना नहीं होगी, तब तक किस समुदाय की आबादी बढ़ गई और किसकी नहीं बढ़ी, इसके बारे में में कुछ नहीं कहा जा सकता। कोविड सिर्फ भारत में नहीं आया, सभी देश उसकी चपेट में थे। जब कोविड की लहर खत्‍म हो गई, तब जनगणना कराई जानी चाहिए थी, मगर नहीं करवाई गई। जब जनगणना होगी, तभी पता चलेगा कि किसकी आबाद बढ़ी और किसकी नहीं बढ़ी। मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत बढ़ गई, यह कहने का मकसद सिर्फ ध्रुवीकरण है।

यह जिक्र करने पर कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों ने मान लिया था कि अनुच्छेद 370 को बदला नहीं जा सकता, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे निरस्त कर दिया। आज देशवासियों के मन में पाक के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी आ गया है, उदित राज ने कहा, "भाजपा को केंद्र की सत्ता में रहते दस साल हो गए, ले आए होते पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अपने पास। इनको लगता है कि धारा 370 हटने से सब खुश हैं। इससे देश के लोगों को रोजगार मिल गया है क्‍या? महंगाई कम हो गई? क्‍या जम्मू कश्मीर के लोग खुश हैं? सबकुछ ठीक है तो वहां विधानसभा चुनाव कराकर देख लें। चुनाव क्यों नहीं कराते, वहां जनता की चुनी हुई सरकार क्‍यों नहीं है? धारा 370 हटने का फायदा भी तो दिखना चाहिए।"


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