अगर यूक्रेन पर परमाणु बम गिरा दिया गया तो क्या होगा?
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम का असर पूरी दुनिया आज भी देख रही है

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का फिलहाल कोई अंत नजर नहीं आ रहा है. जमीनी और हवाई हमलों के बीच अब परमाणु हमले की धमकी की चर्चा हो रही है. ऐसे में लोगों के मन में मुख्य रूप से दो आशंकाएं उभर रही हैं. पहली यह कि अगर यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों में किसी तरह का हादसा होता है, तो क्या होगा? और दूसरी यह कि अगर यूक्रेन पर परमाणु बम से हमला कर दिया जाता है, तब क्या होगा?
डर्टी बम जान लेने से ज्यादा डर फैलाता है
इस सीरीज के पहले लेख में हमने 2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र और 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल बिजली संयंत्र के हादसे पर चर्चा की. इन दोनों हादसों ने आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित किया, इसका विश्लेषण किया. हमने उन हादसों की तुलना जापोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र से की और बताया कि अगर यहां ऐसा हादसा होता है, तो क्या असर होगा. इसकी वजह यह है कि जापोरिझिया यूक्रेन में चल रहे युद्ध के केंद्र में है.
आज इस सीरीज के दूसरे लेख में हम आपको बताएंगे कि 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु हमले से लोगों पर क्या असर पड़ा. उनके स्वास्थ्य किस तरह से प्रभावित हुए. साथ ही, विशेषज्ञों की मदद से यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि अगर आज के समय में युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है, तो उसका क्या असर होगा.
टैक्टिकल परमाणु हथियार क्या होता है
हथियार के मुताबिक तय होता है असर
परमाणु हमले के असर की भविष्यवाणी करना कठिन है, क्योंकि यह इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि किसी हथियार का इस्तेमाल कैसे और कहां किया जाता है.
अमेरिका स्थित यूनियन ऑफ कंसर्नड साइंटिस्ट्स (यूसीएस) में ग्लोबल सिक्योरिटी प्रोग्राम के वरिष्ठ वैज्ञानिक डिलन स्पाउल्डिंग ने कहा कि हवा में विस्फोट करने और जमीन पर विस्फोट करने वाले हथियारों की मारक क्षमता अलग-अलग होती है.


