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क्या कारण है कि पीएम ने सदन में एक बार भी अडानी का नाम नहीं लिया : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने पीएम मोदी और केंद्र से सवाल किया है कि जिस कंपनी में जनता का पैसा लगा है

क्या कारण है कि पीएम ने सदन में एक बार भी अडानी का नाम नहीं लिया : खड़गे
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने पीएम मोदी और केंद्र से सवाल किया है कि जिस कंपनी में जनता का पैसा लगा है, पीएम को अडानी का नाम लेने में दिक्कत क्यों है?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर अडानी समूह के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किए कि क्या कारण है कि पीएम ने सदन में एक बार भी अडानी का नाम नहीं लिया। हम देशहित के मुद्दे सदन में उठा रहे हैं। देश की जनता के पैसे जोखिम में हैं क्या अडानी को लेकर जांच नहीं होनी चाहिए है? हमने तो सिर्फ जेपीसी जांच की मांग की है।

कांग्रेस अधयक्ष खड्गे ने कहा कि एलआईसी का पैसा अडानी की कंपनी में लगाया गया, उसके नुकसान पर क्या सवाल नहीं होना चाहिए? क्या एसबीआई के अडानी को दिए गए कर्ज की चर्चा नहीं होनी चाहिए? एसबीआई व दूसरे बैंकों द्वारा अडानी को 82,000 करोड़ रुपए दिए गए। अडानी के शेयर एक लाख करोड़ क्यों गिर गए? उन्होंने दावा किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडानी के एजेंट के रूप में उन्हें बांग्लादेश में ठेके दिलाए। इस सबके बाद भी केंद्र सरकार जवाब देने को तैयार नहीं है। इतना होने के बाद भी पीएम मोदी उनका नाम नहीं ले रहे हैं। अडानी बड़े घोटाले कर रहे है, भारत के साथ दुनिया के लोग परेशान है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा संसद मे हम बहुत से मुद्दों को उठाने कि कोशिश किए पर जिन मुद्दों पर हम उत्तर चाहते थे प्रधानमंत्री ने ने उत्तर देने की बजाय सदन में चुनावी भाषण दिया।

वहीं सदन की कार्यवाही से खड्गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के अंश हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा, हमने राजधर्म का बात की, अडानी के कम्पनियों का बात किया।असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं किया। मेरे शब्दों को निकाला गया है। मोनी बाबा का शब्द नरेंद्र मोदी जी ने अनेक बार बोले हैं।

अटल जी कविता पढ़ कर सुनाते थे। मैंने शायरी पढ़ा उसके आठ लाइन निकाल दिया गया। साहित्य को संसद के पटल से हटाया जा रहा है तो बोलने का अधिकार कहा है। मोदी जी के एक नजदीकी दोस्त को लेकर जब हमने पूछा कि उनकी संपत्ति कैसे बढ़ी तो इसपर भी उन्हें आपत्ति थी। हर बात पर वे कह रहे थे इसे प्रमाणित कीजिए। फिर जब कलंकित लोगों को मुआवजा देने पर पूछा तो इसे भी उन्होंने निकाल दिया।

उन्होंने कहा कि उनका आज के राजनितिक कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ की वक्तव्य का अंश सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया हो।


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