अमेरिका से क्या लाए मोदी
अमेरिका की सत्ता सभांलाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप से पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुलाकात की
अमेरिका की सत्ता सभांलाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप से पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुलाकात की । ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बड़ी गर्मजोशी से मोदी का स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने करीब 20 मिनट तक अकेले में बातचीत की। दोनों के बीच बातचीत में सबसे अहम मुद्दा आतंकवाद का था । प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों ने साझा बयान भी जारी किया । ट्रंप ने मोदी को महान नेता और भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त बताया. मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक विकास के इंजन हैं और ट्रंप की "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" और उनके "न्यू इंडिया मिशन" से दुनिया की बेहतरी में मदद मिलेगी ।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों आतंकवाद से प्रभावित हैं , भारत के साथ सुरक्षा साझेदारी बेहद अहम है हम चरमपंथी इस्लामी आतंकवाद का खात्मा करेंगे। भारत और अमेरिका ने साझा बयान में पाकिस्तान से कहा कि वह अपने देश के आतंकवादी समूहों द्वारा किए 26/11 हमले, पठानकोट हमले और अन्य सीमा पार हमलों में शामिल साजिशकर्ताओं को शीघ्र न्याय के दायरे में लाए। भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से ये भी कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकियों की शरणस्थली के रूप में किए जाने से रोके ।
प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप से मुलाकात से कुछ घंटे पहले अमेरिका ने आतंकवाद से लड़ाई में भारत की कोशिशों को एक बड़ा समर्थन दिया. अमेरिका ने हिज्बुल चीफ सैयद सलाउद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है।साथ ही, अमेरिका ने कश्मीर में हुए हिज्बुल के आतंकी हमलों का भी जिक्र किया है।सैयद सलाउद्दीन आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान की स्थिरता में भारत की बढ़ती भूमिका की सराहना की।अमेरिका ने कहा कि अफगानिस्तान में बढ़ती अस्थिरता हमारे लिए चिंता का विषय है।पीएम मोदी ने कहा कि हम अमेरिका से इस विषय पर करीबी परामर्श, संवाद और समन्वय स्थापित कर रहे हैं।साझे बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान में शांति-स्थिरता, प्रगति के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने के अलावा भारत और अमेरिका के बीच मध्य पूर्व के देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की भी बात हुई। ट्रंप ने दोनों देश के बीच हिंद महासागर में सबसे बड़ा सैन्य अभियान शुरू करने की बात कही...दोनों देशों ने उत्तर कोरिया की भड़काऊ नीतियों की आलोचना की और उसके परमाणु कार्यक्रम को क्षेत्रीय और दुनिया के लिए खतरा बताया।इसके अलावा डिजिटल मिशन, तकनीकी विकास और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
अमेरिका ने भारत को बड़े डिफेंस साझेदार के रूप में स्वीकार किया है।ट्रंप ने कहा कि भारत द्वारा अमेरिका से सैकड़ों एयरक्राफ्ट्स के आयात से हजारों अमेरिकियों को रोजगार मिला है।
इस दौरे की मुख्य उपलब्धियां
1. आतंकवाद के खिलाफ साथ आए भारत-अमेरिका
2. सलाउद्दीन अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित
3. अफगानिस्तान में भारत की बड़ी भूमिका स्वीकार
4. वैश्विक मंच पर भारत के बड़े रोल को समर्थन
5. डिफेंस में मजबूती, F-16 के बाद गार्डियन ड्रोन डील को मंजूरी


