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गर्मी के मौसम के साथ क्या करोनावायरस में कमी आएगी?

नोवेल कोरोनावायरस पर नियंत्रण के लिए विश्व समुदाय प्रभावी समाधान खोजने में जुटा हुआ है

गर्मी के मौसम के साथ क्या करोनावायरस में कमी आएगी?
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नई दिल्ली। नोवेल कोरोनावायरस पर नियंत्रण के लिए विश्व समुदाय प्रभावी समाधान खोजने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही विभिन्न राजनेताओं व चिकित्सकों व शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि गर्मी आने के साथ वायरस के प्रभाव में कमी आएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कोरोनावायरस अप्रैल में खत्म हो जाएगा। उन्होंने इसके पीछ तर्क दिया कि गर्मी में इस तरह के वायरस मर जाते हैं।

ट्रंप अकेले नेता नहीं हैं जिन्होंने गर्मियों में सुधार की उम्मीद जताई है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने भी कहा है कि वायरस का गर्मी में प्रसार कम होगा।

फोर्टिस अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप डिसऑर्डर के निदेशक व प्रमुख विकास मौर्या ने आईएएनएस से कहा, "नोवेल कोरोनोवायरस एक जंगली जानवर से आया है। संक्रामक है, जो सर्दियों में होता है और श्वास से जुड़ा है। हमें एक वर्ष में कम से कम दो बार एक वायरल संक्रमण होता है। अंतर यह है कि कोरोनावायरस का यह स्ट्रेन एक प्रतिरोधी स्ट्रेन है। उम्मीद है कि गर्मियों तक स्ट्रेन में कमी आएगी।"

नोवेल कोरोनावायरस से अब तक चीन में 2,400 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। यह अब दो दर्जन ज्यादा देशों में फैल चुका है। इसकी वजह से कई अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं। इसका पर्यटन पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। साथ ही चीन पर प्रतिबंध की वजह अर्थव्यवस्था के दूसरे क्षेत्रों पर असर पड़ रहा है।


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