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किसान-कारोबारी वर्ग के लोगों की क्या है बजट से उम्मीदें

संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी

किसान-कारोबारी वर्ग के लोगों की क्या है बजट से उम्मीदें
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करनाल। संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। आने वाले बजट पर पूरे देश की नजरें हैं। वहीं मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बजट से करनाल के लोगों को काफी उम्मीदें हैं।

व्यापारी सरदार परमिंदर सिंह ने कहा कि हर बार बजट आता है और चला जाता है। सरकार को व्यापारी समुदाय को एक सुरक्षित दायरे में लाना चाहिए, आज व्यापारियों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है, अगर व्यापारी के साथ कोई घटना होती है तो सरकार की तरफ से कोई उनके साथ नहीं होता। स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा पर रियायत मिलनी चाहिए, ताकि हर व्यक्ति अपने परिवार की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य बीमा ले सके। अगर कोई प्राइवेट कंपनी कोई बीमा कर रही है तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी है, जो आम आदमी पर बहुत बड़ा बोझ है।

इसी प्रकार करनाल निवासी प्रतिपाल सिंह पन्नू ने कहा कि सरकार को आम लोगों के हित में बजट पेश करना चाहिए, जिसमें गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों का ध्यान रखा जाय। बजट में केवल पूंजीपतियों की बात नहीं होनी चाहिए। सरकार को किसान व मजदूर वर्ग की मार को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करना चाहिए।

वहीं, एक व्यापारी प्रतिपाल सिंह पन्नू ने कहा कि व्यापारियों को टैक्स स्लैब में राहत मिलनी चाहिए। इस सरकार में व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिलती। इस देश में व्यापारियों के लिए कोई योजना नहीं है, कम से कम टैक्स स्लैब में राहत मिलनी चाहिए। बजट अच्छा होगा तो महंगाई कम होगी।

बजट को लेकर नागरिक गुरमीत सिंह ने कहा कि देश में महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसे रोकने के लिए कुछ उपाय किए जाने चाहिए। बच्चों की तरक्की के लिए शिक्षा सस्ती होनी चाहिए। हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने वाले शिक्षण संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए कुछ उपाय किए जाने चाहिए। बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए, ताकि बच्चे पढ़ाई के लिए अपने अभिभावकों पर बोझ न बनें।

किसान जगदीप सिंह औलख ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले 10 सालों में किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं। कर्जमाफी, एमएसपी और स्वामीनाथन रिपोर्ट जैसे सभी मामले आज तक लंबित हैं। भगवान सरकार को सद्बुद्धि दे कि वह लंबे समय से देशभर में किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन पर ध्यान दे। इस बार बजट किसानों और मजदूरों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए।

व्यवसायी अशोक भंडारी ने कहा कि केंद्र सरकार हर साल देश में कल्याणकारी बजट लाती है। इस बार हमें उम्मीद है कि आम लोगों के हित में बजट लाया जाएगा।

--आईएएनएस

आरके/एसकेपी


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