बंगाल में बिहार जैसी स्थिति नहीं होगी, ममता बनर्जी फिर बनेंगी मुख्यमंत्री
तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है

टीएमसी नेता कुणाल घोष का दावा, पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए अनुकूल माहौल नहीं
- बिहार चुनाव परिणाम का बंगाल पर असर नहीं, ममता बनर्जी को फिर मिलेगा जनसमर्थन
- कुणाल घोष बोले, बंगाल में भाजपा पीछे रहेगी, ममता बनर्जी की जीत तय
- पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की वापसी निश्चित, बिहार जैसी परिस्थिति नहीं बनेगी
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि दोनों ही राज्यों की स्थिति और मुद्दे अलग है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी फिर से सीएम की कुर्सी पर विराजमान होंगी।
कुणाल घोष ने कहा कि दोनों ही राज्यों के मुद्दे अलग हैं। अगर किसी को लग रहा है कि बिहार के चुनावी नतीजों का असर पश्चिम बंगाल में प्रभावी होगा तो यह गलतफहमी है लिहाजा, उन्हें अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को रोकने की मुख्य जिम्मेदारी किसकी थी? निसंदेह कांग्रेस की थी, लेकिन बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहा, यह बात किसी से छुपी नहीं है। कांग्रेस का स्ट्राइक रेट तीन फीसदी से भी कम आ चुका है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को आज अपनी विसंगतियों को लेकर आत्मचिंतन करना चाहिए। अगर कांग्रेस खुद की खामियों पर आत्मचिंतन नहीं करेगी, तो राजनीति में उसका शेष अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा।
टीएमसी नेता ने कहा कि अगर भाजपा को लग रहा है कि बंगाल में भी उसके लिए बिहार जैसी स्थिति पैदा होगी, तो मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यह उसकी गलतफहमी है। पश्चिम बंगाल में भाजपा लगातार प्रतिशोध की राजनीति करने पर उतारू है। भाजपा लगातार बंगाली मूल के लोगों की नागरिकता पर सवाल उठा रही है, लेकिन ममता बनर्जी राज्य में इस तरह की कोई भी अप्रिय स्थिति धरातल पर उतरने नहीं देगी। कुल मिलाकर मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए भाजपा दुश्मन है। ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल में किसी भी प्रकार से राजनीतिक स्थिति अनुकूल नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए जितनी आगे है, मैं एक बात दावे के साथ कह देता हूं कि वह पश्चिम बंगाल में भी उतनी ही पीछे रहेगी। पश्चिम बंगाल में किसी भी सूरत में भाजपा के लिए स्थिति सकारात्मक होने वाली नहीं है, क्योंकि दोनों ही राज्यों के मुद्दे और राजनीतिक समीकरण अलग-अलग हैं।


