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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने बीएलओ के बढ़ते काम के बोझ को लेकर प्रशासन को दिया संदेश, कहा - समस्याओं पर तुरंत करनी चाहिए कार्रवाई

राज्य में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) द्वारा बढ़ते काम के बोझ को लेकर किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रशासन को साफ संदेश दिया है

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने बीएलओ के बढ़ते काम के बोझ को लेकर प्रशासन को दिया संदेश, कहा - समस्याओं पर तुरंत करनी चाहिए कार्रवाई
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बीएलओ की समस्याओं पर प्रशासन को तुरंत करनी चाहिए कार्रवाई : गवर्नर सीवी आनंद बोस

कोलकाता। राज्य में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) द्वारा बढ़ते काम के बोझ को लेकर किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रशासन को साफ संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह ऐसी समस्याएं हैं, जिन पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। यदि प्रशासनिक स्तर पर कहीं कोई कमी पाई जाती है तो वह राज्यपाल के रूप में हस्तक्षेप करने में बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे।

राज्यपाल बोस ने बताया कि हाल ही में उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्रों का दौरा किया, वहां बीएसएफ अधिकारियों और स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात इस समय पूरी तरह नियंत्रण में हैं और किसी भी तरह की दिक्कत की सूचना उन्हें नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि बीएलओ चुनाव व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। मतदान केंद्रों की तैयारी से लेकर मतदाता सूची के अपडेट तक, हर चरण में उनकी भूमिका अहम है। ऐसे में यदि वे कार्यभार को लेकर परेशान हैं तो सरकार और प्रशासन का दायित्व है कि उन्हें उचित सहयोग और सुविधाएं दी जाएं।

राज्यपाल से जब भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से जुड़े सवाल पूछे गए, तो उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने विश्वास जताया कि चुनाव आयोग एक मजबूत और संतुलित संस्था है, जो किसी भी स्थिति को प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से संभालने की क्षमता रखती है।

राज्यपाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमेशा जटिल परिस्थितियों में भी अपनी दक्षता साबित की है और इस बार भी वह सभी चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग समय पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा और सुनिश्चित करेगा कि चुनाव शांति और पारदर्शिता के साथ संपन्न हों।

राज्य में बीएलओ का कहना है कि उन्हें असामान्य रूप से अधिक कार्यभार दिया जा रहा है, जिससे उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिंदगी प्रभावित हो रही है।


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