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एसआईआर के काम में जुटे कर्मियों की मौत को लेकर ममता बनर्जी ने मुआवजे का किया ऐलान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया, जिनकी राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दबाव के कारण आत्‍महत्‍या या बीमार पड़ने के बाद मौत हो गई

एसआईआर के काम में जुटे कर्मियों की मौत को लेकर ममता बनर्जी ने मुआवजे का किया ऐलान
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उन लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया, जिनकी राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दबाव के कारण आत्‍महत्‍या या बीमार पड़ने के बाद मौत हो गई।

मुख्यमंत्री ने उन लोगों के लिए भी मुआवजे की घोषणा की, जिनकी स्‍वास्‍थ्‍य की स्थिति गंभीर हो गई थी, क्योंकि उन्होंने आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी या कथित तौर पर एसआईआर से संबंधित दबाव के कारण बीमार पड़ गए थे।

सीएम ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में घोषणा की है कि राज्य के खजाने से मुआवजा पाने वालों में एसआईआर प्रक्रिया में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी शामिल होंगे, जो "एसआईआर से जुड़े" दबाव के कारण गंभीर रूप से बीमार हो गए, जहां उन्होंने 2011 से अपने नेतृत्‍व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की उपलब्धियों पर एक प्रगति रिपोर्ट जारी की। 2011 तृणमूल कांग्रेस शासन की शुरुआत का वर्ष था और पश्चिम बंगाल में 34 साल के वाम मोर्चा शासन का अंत हुआ था।

उनके मुताबिक, एसआईआर से जुड़े दबाव की वजह से कथित तौर पर मरने वाले लोगों के परिवार को 2,00,000 रुपए का मुआवज़ा दिया जाएगा।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों की हालत गंभीर हो गई थी, लेकिन वे बच गए, उन्हें एक-एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह उनके और उनके परिवारों के लिए एक संदेश है कि मुश्किल समय में राज्य सरकार उनके साथ है।

उन्होंने दावा किया कि उनकी जानकारी के मुताबिक, एसआईआर से संबंधित दबाव की वजह से कुल 39 लोगों ने आत्महत्या कर ली या बीमार पड़ गए।

उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि वह विवाद के मुद्दों पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत करे, न कि एकतरफा आदेश जारी करे, जैसा कि स्‍वतंत्रता-पूर्व काल में ब्रिटिश शासकों द्वारा किया जाता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी जबरदस्ती का निर्देश न दें, जिससे आम लोगों को परेशानी हो। फिर भी, अगर आप ऐसा करते हैं, तो राज्य सरकार यथासंभव आम लोगों की मदद करेगी। हम सिर्फ लोगों, लोकतंत्र और भारतीय संविधान के प्रति जवाबदेह हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में कभी भी सांप्रदायिक राजनीति के लिए जगह नहीं थी और न ही कभी होगी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सेक्युलर राजनीति में विश्वास किया है और भविष्य में भी सेक्युलर रास्ते पर चलती रहूंगी।


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