टीएमसी पर दिलीप घोष का हमला : बंगाल में डर और हिंसा से चुनाव जीतना चाहती है सरकार
पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला है

पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में, टीएमसी पर बल प्रयोग का आरोप
- दार्जिलिंग हमले के बाद दिलीप घोष का तीखा बयान- 'हर तरफ हिंसा, लोकतंत्र कमजोर'
- दिलीप घोष बोले- टीएमसी की रणनीति डर फैलाकर चुनाव जीतने की
- बंगाल में बढ़ती हिंसा पर भाजपा का हमला, निष्पक्ष चुनाव की मांग
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने टीएमसी पर डर और बल प्रयोग के जरिए चुनाव जीतने का आरोप लगाया और राज्य में लोकतंत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। उनका यह बयान दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता के काफिले पर हुए हमले की घटना के बाद आया है।
दिलीप घोष ने कहा, "पश्चिम बंगाल में हर तरफ हिंसा बढ़ रही है। टीएमसी डर और धमकी देकर चुनाव जीतने की रणनीति अपनाती है। अगर जनप्रतिनिधि, सांसद और विधायक लोगों से खुलकर मिल नहीं सकते, तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाता है? अगर ये लोग सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक चुनाव में कैसे हिस्सा लेगा?"
उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे एसआईआर की संभावना बढ़ रही है, टीएमसी का तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते उनकी भाषा और रवैया बदल रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सांसद और विधायक जैसे लोग जनता से नहीं मिल सकते, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया कैसे सुचारू रूप से चल सकती है।
भाजपा नेता ने टीएमसी सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। टीएमसी की रणनीति डर का माहौल बनाकर विपक्ष को दबाने और मतदाताओं को प्रभावित करने की है। पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित कराना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अगर बंगाल में स्थिति नहीं सुधरी तो आम नागरिकों का लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास कमजोर होगा, जो देश के लिए खतरनाक हो सकता है।


