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ठोस जानकारी और सबूत के साथ भ्रष्‍टाचार की करें शिकायत : कुणाल घोष

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुवेंदु अधिकारी के उस आरोप पर पलटवार किया, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि केंद्र का 80 प्रतिशत पैसा मुख्यमंत्री आवास में गया

ठोस जानकारी और सबूत के साथ भ्रष्‍टाचार की करें शिकायत : कुणाल घोष
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कुणाल घोष का पलटवार: भ्रष्टाचार के आरोपों पर दें ठोस सबूत

  • भ्रष्टाचार पर बहस गरमाई, कुणाल घोष ने उठाए केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता पर सवाल
  • कुणाल घोष ने कहा- बिना प्रमाण के आरोप बेअसर, जांच से ही मिलेगा न्याय
  • भ्रष्टाचार पर बयानबाज़ी तेज, टीएमसी ने भाजपा पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया

पश्चिमी मिदनापुर। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुवेंदु अधिकारी के उस आरोप पर पलटवार किया, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि केंद्र का 80 प्रतिशत पैसा मुख्यमंत्री आवास में गया। इस पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि ठोस जानकारी और सबूत के साथ शिकायत करनी चाहिए।

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर कोई ऐसी शिकायत करता है, तो उसे ठोस जानकारी और सबूत के साथ शिकायत करनी चाहिए। कहीं न कहीं कुछ अनियमितताएं हुई हैं, इसीलिए कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मध्य प्रदेश कांड भी अनियमितताओं के कारण ही हुआ था, वहां जांच के दौरान कई लोगों की जान चली गई। त्रिपुरा में दस हजार से ज्‍यादा लोगों के रोजगार के पैनल रद्द कर दिए गए हैं। सीपीएम और भाजपा क्या कहेंगे? हम यहां हुए अन्याय की कड़ी निंदा करते हैं।

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी विधायक जीवनकृष्ण साहा की तरह पार्थ चटर्जी और अभिषेक के भी कई एजेंट थे। इस पर कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा कि सुवेंदु अधिकारी नवंबर 2020 तक तृणमूल में थे। अगर उनके पास इतनी जानकारी, इतना गुस्सा, इतना आक्रोश था तो उन्होंने नवंबर में ये बातें क्यों नहीं कही? भाजपा में शामिल होने के बाद ये बातें कहां से आ रही हैं?

उन्‍होंने कहा कि हमारा प्रश्न यह है कि प्रधानमंत्री के वोट देने के आह्वान के बाद केंद्रीय एजेंसी फिर से जाग उठी। नवंबर 2020 तक सुवेंदु अधिकारी कहते थे कि तृणमूल जैसी कोई पार्टी नहीं है और ममता बनर्जी जैसा कोई नेता नहीं है। अचानक, यह बदल गया, इस समय के बारे में हमारा एक प्रश्न है।

नौकरी में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्‍होंने कहा कि अन्याय या अनियमितताओं के कारण कई लोग जेल में हैं और जांच चल रही है। इस पर फिर से चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है।


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