बंगाल पर कब्जा करने की कोशिश कर रही भाजपा, गुजरात में ही नहीं बल्कि देश में भी हारेगी : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अब तक का सबसे तीखा राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि वे बंगाल पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी गुजरात में ही नहीं बल्कि देश में भी हार होगी

भाजपा हारेगी गुजरात और देश - ममता
ममता ने भाजपा को दी चेतावनी, कहा-अगर आप मुझ पर हमला करते हैं, तो मैं पूरे भारत को हिला दूंगी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अब तक का सबसे तीखा राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि वे बंगाल पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी गुजरात में ही नहीं बल्कि देश में भी हार होगी।
बनर्जी ने बोंगाव में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि बंगाल में भाजपा की आक्रामकता अंततः 2029 के लोकसभा चुनावों में उसके पतन का कारण बनेगी। उन्होंने कहा, " साल 2029 भाजपा के लिए बहुत खतरनाक होगा। वे सत्ता खो देंगे और तृणमूल कांग्रेस ही दिल्ली पर दावा करेगी।"
बनर्जी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "अगर आप मुझ पर हमला करते हैं, तो मैं पूरे भारत को हिला दूंगी। चुनावों के बाद मैं पूरे देश की यात्रा करूंगी।"
घुसपैठ के संबंध में केंद्र के आरोपों पर हमला बोलते हुए उन्होंने लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करती है जबकि सीमा सुरक्षा केंद्र सरकार का विषय है। उन्होंने पूछा कि अगर केंद्र बड़े पैमाने पर घुसपैठ का दावा करता है, तो "राज्य कैसे जिम्मेदार है जब तक कि केंद्र स्वयं इसमें शामिल न हो?" उन्होंने तर्क दिया कि इसी तरह की कहानी बिहार में भी असफल रूप से इस्तेमाल की गई। उन्होंने जोर दिया कि बंगाल जीतने के भाजपा के प्रयास, गुजरात में सबसे नाटकीय रूप से विफल होंगे।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बात करते हुए कहा कि इसे मतदाता सूची में हेरफेर करने का एक अभूतपूर्व जल्दबाजी में किया गया। यह राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रयास है।उन्होंने बताया कि यह काम आखिरी बार 2002 में किया गया था और इसमें सामान्यतः तीन साल लगते हैं, जबकि यह काम चुनावों से ठीक पहले कुछ सप्ताह में पूरा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "इसका लक्ष्य उन वास्तविक निवासियों के नाम हटाना है जो दशकों से बंगाल में रह रहे हैं, पिछले चुनावों में मतदान कर चुके हैं, और राज्य के लाभ प्राप्त कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "लोग सरकार चुनते हैं, निर्वाचन आयोग नहीं लेकिन अब आयोग यह तय कर रहा है कि सरकार कौन चुनेगा।"
उन्होंने पहचान दस्तावेजों को लेकर हो रही कथित गड़बडि़यों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहले, मतदाताओं को आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने इसके लिए "पैसे लिए" और अब कहते हैं कि आधार कार्ड, मतदाता सत्यापन के लिए वैध ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि अगर 2024 की मतदाता सूची अविश्वसनीय होगी, तो प्रधानमंत्री का चुनाव भी अवैध हो जाएगा।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2016, 2021 और 2024 में भी इसी तरह के हथकंडे अपनाने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार विफल रही। उन्होंने आश्वासन दिया, "डरो मत। जब तक मैं यहाँ हूँ, कोई भी आपको हटा नहीं सकता है।"
मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल किया कि चार चुनाव वाले राज्यों में से केवल बंगाल में ही एसआईआर क्यों किया जा रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या केंद्र को यह लगता है कि मध्य प्रदेश या राजस्थान में भी "घुसपैठिए" मौजूद हैं। उन्होंने कहा, "यह जमीन भाजपा से नहीं डरती। जब तक तृणमूल यहाँ है, कोई भी आपको छू नहीं सकता।"
सुश्री बनर्जी ने मतुआ मुद्दे को लेकर भाजपा पर "धर्म का कार्ड" और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से जुड़े दस्तावेज़ीकरण से समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया। इसके कारण लोगों को बंगलादेशी मूल का घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, "वे आपको धोखा दे रहे हैं। यदि कोई कार्ड आपको नागरिक बनाता है, तो यह कहाँ लिखा है? उनसे कहें कि वे इसे पहले लिखें।"
एसआईआर की तेज गति को बूथ स्तरीय अधिकारियों के बीच बढ़ती परेशानी से जोड़ते हुए, उन्होंने अत्यधिक कार्यभार और डिजिटल समस्याओं के कारण कई आत्महत्याओं और कई लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने आशंका जतायी कि इससे एक त्रुटिपूर्ण मसौदा सूची तैयार होने का खतरा है।
उन्होंने पूछा कि मणिपुर, मिजोरम या नागालैंड जैसे राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) क्यों नहीं बनाया गया, और असम के एनआरसी से 12 लाख हिंदुओं को क्यों बाहर कर दिया गया था। उन्होंने लोगों से आत्महत्या जैसा चरम कदम न उठाने का आग्रह करते हुए कहा, "बंगाल ने कभी हार नहीं मानी - न तो औपनिवेशिक शासन के सामने, न ही सत्तावादी दबाव के सामने।"


