'अपराजिता बिल' से लोगों का ध्यान भटकाने का काम हो रहा : अधीर रंजन चौधरी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 'अपराजिता बिल' को राज्य सरकार के पास विचार के लिए वापस भेज दिया है

मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 'अपराजिता बिल' को राज्य सरकार के पास विचार के लिए वापस भेज दिया है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 'अपराजिता बिल' को लेकर ममता सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि 'अपराजिता बिल' से लोगों का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दरिंदों का राज चल रहा है। इस समय 'अपराजिता बिल' लाकर आम लोगों के ध्यान को भटकाने की कोशिश की जा रही है। इस बिल से अपराधियों को सजा मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि जहां सरकार अपराधियों को खुद बचाना चाहती है, वहां भला कौन अपराधी को सजा दिलवा सकता है? बंगाल में 'अपराजिता बिल' हो चाहे और कोई बिल, नामकरण करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार के संरक्षण में सारे अपराधी पनप रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा सवाल है कि क्या हिंदुस्तान में मौजूदा कानून के तहत अपराधियों को फांसी की सजा सुनाने में कोई कमी है? कुछ दरिंदों ने निर्भया कांड को अंजाम दिया था, इसके बाद कांग्रेस के जमाने में कानून पारित हुए और उस कानून के मुताबिक चार दरिंदों को फांसी की सजा सुनाई गई और फांसी दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार की अगर नीयत सही रहती तो आरजीकर कांड के बाद कोई नया कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि मौजूदा कानून काफी है। पश्चिम बंगाल में जांच पड़ताल नहीं होती, सरकार अपराधियों को बचाना चाहती है, उनकी मदद करना चाहती है। यहां पर अपराधियों को सरकार की तरफ से संरक्षण दिया जाता रहा है। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्रालय में पहले जैसे हालात हो गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वादा करने के बाद भी अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।


