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पश्चिम बंगाल : पश्चिम मेदिनीपुर में जन औषधि केंद्र की धूम, लोगों को मिल रही सस्ती दवाएं

पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के लोग प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) से लाभान्वित हो रहे हैं। पीएमबीजेपी केंद्र सरकार की एक पहल है

पश्चिम बंगाल : पश्चिम मेदिनीपुर में जन औषधि केंद्र की धूम, लोगों को मिल रही सस्ती दवाएं
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मिदनापुर। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के लोग प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) से लाभान्वित हो रहे हैं। पीएमबीजेपी केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है।

इस योजना के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां 50 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर आवश्यक जेनरिक दवाइयां उपलब्ध हैं। ये दुकानें कई लोगों के लिए जीवन रेखा साबित हो रही हैं, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए। स्थानीय लोगों ने बताया कि इन केंद्रों पर उपलब्ध दवाइयां न केवल सस्ती हैं, बल्कि प्रभावी और विश्वसनीय भी हैं। पश्चिमी मेदिनीपुर में ऐसे कई केंद्र पहले से ही मौजूद हैं। दूरदराज के इलाकों में और अधिक केंद्र खोलने की मांग बढ़ रही है।

एक जन औषधि केंद्र के संचालक संतू घोष ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वह एक साल से दुकान चला रहे हैं। शुरू में लोग झिझक रहे थे क्योंकि उन्हें जेनेरिक दवाइयों के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन विज्ञापन आने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही। उदाहरण के लिए, यहां पैरासिटामोल की 15 गोलियां सिर्फ 15 रुपए में मिल रही हैं। वहीं इसकी ब्रांडेड दवाएं बहुत महंगी हैं। इस योजना के तहत दवाइयों पर 50 से 90 प्रतिशत तक की बचत होती है। उन्होंने इस पहल के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

केंद्र से दवाओं की खरीदारी करने वाले हरविंदर सिंह ने कहा, "मैं पिछले कुछ समय से यहीं से दवाइयां ले रहा हूं। यह वाकई बहुत अच्छी है। गुणवत्ता बहुत बढ़िया है और इससे हमारा बहुत सारा पैसा बच रहा है।"

नवंबर 2008 में शुरू की गई पीएमबीजेपी का उद्देश्य पूरे देश में जन औषधि केंद्रों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस योजना ने गति पकड़ी है और अब देश भर में ऐसे हजारों केंद्र संचालित हो रहे हैं।

जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 7 मार्च को प्रतिवर्ष 'जन औषधि दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 1 से 7 मार्च तक एक सप्ताह तक चलने वाले अभियान के तहत देश भर में कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए गए, जिससे लोगों को इन केंद्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।


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