जाने-माने गाइनी सर्जनों ने किया 12 दुर्लभ लैप्रोस्कोपिक ऑपरेशन
जेपी अस्पताल नोएडा ने लैप्रोस्कोपिक लाइव ऑपरेटिंग कार्यशाला व एंडोफर्ट सम्मेलन का आयोजन किया

ग्रेटर नोएडा। जेपी अस्पताल नोएडा ने लैप्रोस्कोपिक लाइव ऑपरेटिंग कार्यशाला व एंडोफर्ट सम्मेलन का आयोजन किया। तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत लैप्रोस्कोपिक सूचरिंग प्रशिक्षण के साथ हुई। यह एक ऐसी तकनीक है जिसे सीखने के लिए सालों के अभ्यास की जरूरत होती है। डॉ. ज्योति मिश्रा, सोसिएट डायरेक्टर, गायनेकोलोजी एवं लैप्रोस्कोपी विभाग इस तकनीक के सिद्धान्तों का प्रदर्शन किया।
लाइव सर्जिकल कार्यशाला में जाने माने डॉक्टरों द्वारा 12 दुर्लभ लैप्रोस्कोपिक सर्जरियां की गईं, मौजूद डॉक्टरों के लिए इसका लाइव प्रसारण किया गया। सर्जरी के लिए खासतौर पर प्रख्यात गायनी लैप्रोस्कोपिक सर्जनों को बुलाया गया था।
लाइव सर्जरी करने वाले कुछ सर्जनों में शामिल थे डॉ. पीजी पॉल, डॉ. बी रमेश, डॉ. सुधा टंडन व डॉ. ज्योति मिश्रा। समाज कल्याण के मद्देनजर जेपी अस्पताल ने सम्मेलन के दौरान जरूरतमंद मरीजों को इलाज के शुल्क में विशेष छूट भी दी। लाइव कार्यशाला के बाद एंडोस्कोपी व फर्टीलिटी पर एकेडमिक सशन्स का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों के सवाल हल किए गए। सम्मेलन में देश-विदेश से 150 से ज्यादा डॉक्टरों ने हिस्सा लिया था।
इस मौके पर डॉ. ज्योति मिश्रा, सोसिएट डायरेक्टर, गायनेकोलोजी एवं लैप्रोस्कोपी विभाग ने कहा हिस्टेरो-लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक मिनीमल इनवेसिव तकनीक है जिसका इस्तेमाल कई रोगों जैसे फाइब्रोइड, ओवेरियन सिस्ट, यूट्रस रिमुवल (गर्भाश्य निकालने), इनफर्टीलिटी (बांझपन), डोमीट्रिओसिस, यूट्राइन प्रोलेप्स, ब्लॉक हो चुकी ट्यूब को खोलने तथा यूरीन लीक (मूत्र रिसाव) में सुधार आदि के लिए किया जाता है। ओपन सर्जरी के विपरीत लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में मरीज के शरीर पर छोटा छेद किया जाता है और सर्जरी/ शल्यक्रिया उत्कृट सर्जिकल उपकरणों की मदद से की जाती है।
इस प्रकार की सर्जरी में मरीज को दर्द कम होता है और वह जल्दी ठीक हो जाता है। उसे एक से दो दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। जेपी अस्पताल में हमारे पास 12 ऑपरेशन थियटर हैं जो सभी आधुनिक उपकरणों से युक्त हैं तथा मरीजों को उपचार के लिए विश्वस्तरीय सेवा उपलब्ध कराते हैं।
डॉ. ज्योति मिश्रा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा। फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरणों में डील करने वाली कंपनियों ने भी कार्यशाला में हिस्सा लिया। उन्होंने अपने उपकरणों के प्रदर्शन को लिए स्टॉल लगा,, जिनका इस्तेमाल डॉक्टरों द्वारा किया जाता है।


