गरीबों, श्रमिकों और पिछड़ों के कल्याण के बिना देश प्रगति नहीं कर सकता: कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि सरकार को सबसे पहले गरीब और पिछड़े वर्ग की चिंता करनी चाहिए। गरीबों, श्रमिकों और पिछड़ों के कल्याण के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता।

गुना। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि सरकार को सबसे पहले गरीब और पिछड़े वर्ग की चिंता करनी चाहिए। गरीबों, श्रमिकों और पिछड़ों के कल्याण के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता।
कोविंद मध्यप्रदेश के गुना जिले की बमोरी तहसील में असंगठित श्रमिक एवं तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। अपने संक्षिप्त उद्बोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में श्रम क्षेत्र में असंगठित क्षेत्रों का हिस्सा 80 प्रतिशत से अधिक है। इनके लिए सामाजिक सुरक्षा की भारी जरूरत है। केन्द्र सरकार द्वारा इनके लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वनोपज का उचित मूल्य प्राप्त हो, आजीविका के लिए वनों पर आश्रित लोगों के जीवन में सुधार हो, इसके लिए केन्द्र सरकार ने 24 लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना लागू की है। योजना से वनवासी भाई-बहनों को वनोपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा, वहीं बांस और उससे बनने वाले उत्पादों के संबंध में भी भारत सरकार ने मिशन मोड योजना शुरू की है।
कोविंद ने कहा कि वनों का संरक्षण और वनों से प्राप्त होने वाली उपज का सदुपयोग करके ही हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं। वनों को आदिवासी एवं वनवासी से बेहतर कोई नहीं जान सकता है, जंगल ही उनका रक्षक और पालक है। वे दोनों एक-दूसरे की रक्षा करते हैं, ऐसे में तेदूपत्ता संग्राहकों के कल्याण की जिम्मेदारी समाज और राज्य सरकार की है।
राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों को ध्यान में रखकर जो योजनाएं चला रही है, वह काबिल-ए-तारीफ हैं। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में लघु उद्योग इकाइयों के माध्यम से लगभग छह लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
कोविंद ने ग्राम बमोरी में 127 करोड़ रुपये की लागत के विकास और निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने 10 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस के रूप में एक करोड़ रुपये की राशि प्रदाय की।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गरीबों के कल्याण और उत्थान के लिए ऐसी कई योजनाएं संचालित की है, जिसका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है। सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों की उच्च शिक्षा के लिये फीस भरने की जवाबदारी मध्यप्रदेश सरकार ने ली है, इस प्रकार की योजना देश के किसी अन्य राज्य में संचालित नहीं है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोई भी गरीब भूखा न रहे, इसकी चिंता हमेशा से उनकी सरकार ने की है। प्रदेश में सभी वर्गों के साथ किसानों और मजदूरों के लिए भी काम किया जा रहा है। महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच थी कि जो व्यक्ति समाज की अंतिम पंक्ति पर खड़ा है, उसका कल्याण सबसे पहले हो। इसी दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख भी अपने संबोधन में किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति की धर्मपत्नी सविता कोविंद, गुना के प्रभारी एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह, उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर सी लाहोटी भी मौजूद थे।
इससे पहले कोविंद सुबह लगभग साढ़े 11 बजे भोपाल से गुना जिले के बमोरी पहुंचे। गुना जिले में पहली बार देश के राष्ट्रपति पहुंचे हैं। कोविंद मध्यप्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर कल सुबह भोपाल पहुंचे थे और सागर रवाना हो गए थे। उन्होंने कल सागर में आयोजित दो कार्यकमों में भाग लिया था। आज गुना जिले में दो कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वे शाम को भोपाल आकर नई दिल्ली रवाना होंगे।


