Top
Begin typing your search above and press return to search.

किसानों और पशुपालकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषकों और पशुपालकों को समृद्ध और खुशहाल बनाना राज्य सरकार का ध्येय बताते हुए कहा है कि इसने खेती और किसान को प्राथमिकता देते हुए नीतियां और कार्यक्रम बनाए है

किसानों और पशुपालकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता : गहलोत
X

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषकों और पशुपालकों को समृद्ध और खुशहाल बनाना राज्य सरकार का ध्येय बताते हुए कहा है कि इसने खेती और किसान को प्राथमिकता देते हुए नीतियां और कार्यक्रम बनाए है।

श्री गहलोत रविवार को तीन दिवसीय राजस्थान किसान महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 12 कृषि मिशन शुरू किए गए हैं और प्रत्येक बिन्दु पर योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की तरक्की से ही प्रदेश की तरक्की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की ऋण माफी का वादा पूरा किया। 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्जमाफ किया गया।

श्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज की माफी के लिए भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा, मगर इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कृषक कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। किसानों के लिए देश में पहली बार पृथक कृषि बजट पेश किया गया। कृषि का बजट 2018-19 की तुलना में लगभग दोगुना कर दिया गया है। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को 90 पेैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने तथा 2000 यूनिट तक निःशुल्क बिजली देने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा दो करोड़ रूपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। युवा उद्यमियों के लिए एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली जरूरी अनुमतियों में पांच वर्ष की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 कृषि महाविद्यालय हैं जिनमें से 42 महाविद्यालय पिछले साढ़े चार साल में खोले गए हैं।

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने लम्पी रोग से पीड़ित 40 हजार से अधिक पशुपालकों को 175 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता दी। ऐसा फैसला करने वाला राजस्थान देश का इकलौता राज्य है। उन्होंने कहा कि दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रूपए का बीमा किया जा रहा है, दुग्ध उत्पादकों को दूध पर पांच रूपए प्रति लीटर अनुदान दिया जा रहा है। अब राजस्थान दुग्ध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर आ गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि राज्य का ब्रांड सरस भी अमूल की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए।

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार एक करोड़ लोगों को न्यूनतम एक हजार रूपए मासिक पेंशन दे रही है, जिसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत स्वतः वृद्धि का प्रावधान किया गया है। राइट टू हेल्थ एक्ट के माध्यम से प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार दिया गया है। इन फैसलों की देशभर में सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी देश के नागरिकों को कानून बनाकर सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार देना चाहिए।

इस अवसर पर कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार ने साढ़े चार साल में किसानों और पशुपालकों को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान किसान महोत्सव जैसे आयोजनों से किसानों को खेती की नई तकनीकों और कृषि उपकरणों के बारे में जानकारी मिलेगी तथा उनके उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा।

इस मौके आत्मा योजना के तहत कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार करने वाले प्रगतिशील 10 किसानों एवं पशुपालकों को राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रत्येक किसान को 50 हजार रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई। इनमें जयपुर जिले से श्रीमती रूकमा देवी, टोंक से श्रीमती भूरी देवी मीणा, बाड़मेर से श्री धर्माराम, डूंगरपुर से श्री नारायण, भीलवाड़ा से श्रीमती कमला देवी, श्रीगंगानगर से श्री पुनीत चौधरी, जैसलमेर से श्री खुशालाराम, राजसमंद से श्री बालूसिंह, धौलपुर से श्री नीरज कुमार त्यागी तथा टोंक से श्री भरत राम शामिल रहे।

इस दौरान ‘कृषक कल्याण को समर्पित चार वर्ष’ विषय तथा राजस्थान किसान ऐप पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it