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हम चाहते हैं कि फैसला हो लेकिन सरकार भी तो चाहे: नरेश टिकैत

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन रविवार को 46वें दिन जारी है

हम चाहते हैं कि फैसला हो लेकिन सरकार भी तो चाहे: नरेश टिकैत
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गाजीपुर बॉर्डर। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन रविवार को 46वें दिन जारी है। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। टिकैत ने कहा कि बैठक में नतीजा नहीं निकल रहा है तो किसान भी बैठे हैं। दरअसल सरकार के साथ कई दौर की वार्ताएं विफल रहने के बाद किसान संगठनों के नेता आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं।

बॉर्डर पर रविवार को दंगल का आयोजन किया गया, जिसे नरेश टिकैत भी देखने पहुंचे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि, सरकार ने इस आंदोलन को इतना बढ़ा दिया, अगर बातचीत करें तो क्या नहीं हो सकता। हम चाहते हैं कि फैसला हो लेकिन सरकार भी तो चाहे।

उन्होंने कहा कि बैठक में नतीजा नहीं निकल रहा है तो किसान भी बैठे हुए हैं। इस लड़ाई को सरकार को भी देखना चाहिए, ये उनकी भी जिम्मेदारी है। कानूनों की वापसी की मांग को लेकर ही तो इतना प्रदर्शन जारी है।

दरअसल राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से डेरा डाले किसान नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

किसान संगठनों ने एलान किया है कि 26 जनवरी से पहले उनकी मांगें पूरी नहीं होने की सूरत में वो गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में टैक्टरों के साथ किसान परेड निकालेंगे। इसके अलावा कई अन्य कार्यक्रमों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य दो मांगों को सरकार ने पहले स्वीकार कर लिया है।


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