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हमें संकीर्ण सोच और वैमनस्य की भावना से ऊपर उठना चाहिए: सत्यदेव नारायण आर्य

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है “ हमें संकीर्ण सोच और वैमनस्य की भावना से उपर उठकर गीता उपदेश का अनुसरण करते हुए प्रत्येक गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए

हमें संकीर्ण सोच और वैमनस्य की भावना से ऊपर उठना चाहिए: सत्यदेव नारायण आर्य
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चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है “ हमें संकीर्ण सोच और वैमनस्य की भावना से उपर उठकर गीता उपदेश का अनुसरण करते हुए प्रत्येक गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए तभी समाज में आपसी समानता होगी और इससे सामाजिक सद्भाव भी बढ़ेगा।“

आर्य ने आज यहां राजभवन में लोगों से मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ये उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि गीता विभिन्न ग्रंथों का सार है और यह मानव जीवन जीने की पद्धति सिखाती है।

इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गीतापोदेश को अपनी जीवर में उतारना चाहिये। उन्होंने कहा “संघर्ष ही जीवन है संघर्ष के बिना मनुष्य मृत्यु के समान है। गीता उपदेश से हमें संघर्ष की प्रेरणा मिलती है। जैसा कि इसके 8/7वें श्लोक में कहा गया है। संघर्षो से मन घबराए नहीं मजबूत रहे यही गीता से प्रेरणा मिलती है।

उनसे मिलने वालों में हरियाणा पिछड़ा वर्ग के चेयरमैन रामचंद्र जांगड़ा भी थे। राज्यपाल ने श्री जांगड़ा से पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी भी ली तथा इस दिशा में बेहतर कार्य करने को कहा जिससे इन योजनाओं का प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को लाभ मिल सके।


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