बाल यौन हिंसा की मानसिकता को जड़ से समाप्त करने के लिये एकजुट होना चाहिए: शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के सभी वर्गों का आव्हान किया है कि बाल यौन हिंसा की घातक मानसिकता को जड़ से समाप्त करने के लिये एकजुट होकर काम करे
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के सभी वर्गों का आव्हान किया है कि बाल यौन हिंसा की घातक मानसिकता को जड़ से समाप्त करने के लिये एकजुट होकर काम करे। उन्होंने कहा है कि यह मानसिकता स्वस्थ समाज के लिये हानिकारक है। इस प्रकार की घटनाओं का समाज में हर स्तर पर कड़ा विरोध होना चाहिये। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान ने आज यहां तात्या टोपे स्टेडियम में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की 'सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत' यात्रा के अभिनन्दन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि मासूमों के साथ दुराचार करने वाले अपराधियों को कठोरतम दण्ड दिलाने के लिये राज्य सरकार शीध्र ही विधानसभा से विधेयक पारित कर भारत सरकार को भेजेगी। उन्होंने कहा कि समाज में इस प्रकार की विकृत मानसिकता को समाप्त करने के लिये जन-जगरण अभियान चलाना होगा। सरकार और समाज के सभी वर्गों को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाल मजदूरी प्रथा को भी समाप्त करने के प्रयासों पर बल दिया उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के सपनों को साकार करने के लिये नि:शुल्क शिक्षा, गणवेश, विद्यालय जाने के लिये साईकिल, बालिकाओं के लिये उच्च शिक्षा शिष्यवृत्ति, सभी वर्गों के लिये छात्रवृत्ति, 12वीं के मेधावी बच्चों को लेपटॉप, महाविद्यालय में प्रवेश पर स्मार्ट फोन और मेधावी विद्यार्थियों की शिक्षा की फीस भरवाने आदि की योजनाएं संचालित कर रही है।
चौहान ने बच्चों की जिन्दगी संवारने के लिये श्री सत्यार्थी के प्रयासों को त्याग, तपस्या और समर्पण की मिसाल बताया। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस अवसर पर बताया कि यह यात्रा समाज से बाल हिंसा के कलंक को खत्म करने के लिये आयोजित की जा रही है। यात्रा 11 सितम्बर से प्रारंभ हुई है और देश के 22 राज्यों से होते हुए करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
सत्यार्थी ने बताया कि यात्रा का समापन 16 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में होगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लैंगिक उत्पीड़न के प्रति समाज की मानसिकता को बदलने की सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रांति की प्रतीक है। उन्होंने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश की सरकार और समाज मिलकर बचपन को सुरक्षित करने का आदर्श प्रस्तुत करेगें।
कार्यक्रम में श्री चौहान एवं श्री सत्यार्थी ने डॉक्टर अनिल सिरवैया द्वारा बच्चों के लिए तैयार किए गये नॉलेज कैलेंडर का विमोचन किया।
इस अवसर पर यात्रा में शामिल लोगों को बाल हिंसा के विरोध में संघर्ष करने का संकल्प दिलाया गया। कार्यक्रम में श्री सत्यार्थी की धर्मपत्नी सुमेधा कैलाश, महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी सहित अन्य गणमान्य लोगों के साथ स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक उपस्थित थे।


