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गंगा की निर्मलता को हमें संरक्षित रखना है : शेखावत

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कहा कि हमें गंगा की निर्मलता और इसके प्रवाह को सरंक्षित रखना होगा

गंगा की निर्मलता को हमें संरक्षित रखना है : शेखावत
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गंगोत्री। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कहा कि हमें गंगा की निर्मलता और इसके प्रवाह को सरंक्षित रखना होगा तथा इसके लिए गंगा किनारे रहने वाले 45 करोड़ लोगों को भी अपना कर्तव्य समझना चाहिए।

श्री शेखावत ने कहा कि सभी देशवासी मिलकर गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को बनाये रखेंगे, तब जाकर गंगा की सेवा पूर्ण होगी। वह शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ उत्तरकाशी जिला स्थित गंगोत्री धाम में संयुक्त रूप से एक मन्दिर, कला दीर्घा और ध्यान केंद्र का संयुक्त रूप से लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर श्री त्रिवेंद्र ने कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

इससे पहले यहां पहुंचने पर श्री शेखावत ने श्री त्रिवेंद्र और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के साथ पहले पूजा अर्चना की। इसके बाद श्री शेखावत और श्री त्रिवेन्द्र ने संयुक्त रूप से तपोवनम् कुटी में स्वामी सुंदरानंद के नवनिर्मित तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एवं तपोवनम हिरण्यगर्भ मंदिर और ध्यान केन्द्र का उद्घाटन किया। हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में स्वामी सुंदरानंद ने 1948 से अब तक गंगोत्री, हिमालय और उपला टकनौर की संस्कृति और परंपरा को तस्वीरों में कैद किया है।

श्री शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति को अक्षुण बनाएं रखने में साधु समाज का अहम योगदान रहा है। हिमालय की विशालता गंगा की पवित्रता विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक लोग हिमालय व गंगा पर शोध करने आते हैं, इस कला दिर्घा के चित्रों यदि ठीक से देखा व समझा जाए तो निश्चित ही हिमालय के दर्शन एक ही स्थान पर हो सकते है।

श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी जी का संकलन आने वाली पीढ़ी के लिए विश्व धरोहर हैं। स्वामी जी की 72 वर्ष की तपस्या का संग्रह आज विश्व को समर्पित हो गया है। स्वामी जी की तस्वीरें हिमालय को करीब से देखने के लिए पूर्ण सहयोग करेंगी। साथ ही हमारे वैज्ञानिकों और हिमालयन शोधकर्ताओं के लिए यह एक संजीवनी का कार्य करेगा। उन्होंन कहा कि स्वामी सुंदरानंद ने गंगोत्री धाम में एक विश्व धरोहर दी है, जिसका सरक्षंण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्वामी सुंदरानंद के स्वास्थ्य का हालचाल भी जाना।

श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर 81 करोड़ 19 लाख 68 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। साथ ही, स्वामी सुंदरानंद ऑटोग्राफी पुस्तक का भी विमोचन किया गया।


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