हमें बेटियों की पुकार सुननी ही होगी : कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लड़कियों को हर क्षेत्र में समान अवसर दिलाने की सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि इस संबंध में नीतियां तभी कारगर सिद्ध हो सकती हैं

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लड़कियों को हर क्षेत्र में समान अवसर दिलाने की सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि इस संबंध में नीतियां तभी कारगर सिद्ध हो सकती हैं जब परिवार और समाज बेटियों की आवाज सुनेंगे।
श्री कोविंद ने 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए खुशहाल राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का देशवासियों का आह्वान किया। उन्होंने लड़कियाें को हर क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जहां बेटियों को बेटों की ही तरह शिक्षा, स्वास्थ्य और आगे बढ़ने की सुविधायें दी जाती हैं ऐसे समान अवसरों वाले परिवार और समाज ही एक खुशहाल राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
उन्होंने कहा, “महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार कानून लागू कर सकती है, नीतियां बना सकती है, लेकिन ये तभी कारगर साबित होंगे जब परिवार और समाज हमारी बेटियों की आवाज सुनेंगे। हमें परिवर्तन की इस पुकार को सुनना ही होगा।”
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता प्राप्ति और पहले गणतंत्र दिवस के बीच के दौर की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, “यह दौर पूरी लगन, संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ देश को संवारने और समाज की विसंगतियों को दूर करने के लिए किये गये निरंतर प्रयासों का दौर था। अाज फिर हम एक ऐसे ही मुकाम पर खड़े हैं। एक राष्ट्र के रूप में हमने बहुत कुछ हासिल किया है परंतु अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। हमारे लोकतंत्र का निर्माण करने वाली पीढ़ी ने जिस भावना के साथ काम किया था आज फिर उसी भावना के साथ काम करने की जरूरत है।


