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वक्फ संशोधन कानून को स्वीकार नहीं कर सकते, हमें सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष और न्यायपूर्ण फैसले की उम्मीद: विधायक इजहार असफी

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक मोहम्मद इजहार असफी ने कहा कि हम वक्फ एक्ट को स्वीकार नहीं कर सकते हैं

वक्फ संशोधन कानून को स्वीकार नहीं कर सकते, हमें सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष और न्यायपूर्ण फैसले की उम्मीद: विधायक इजहार असफी
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक मोहम्मद इजहार असफी ने बुधवार को कहा कि हम वक्फ एक्ट को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उनका कहना है कि हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उम्मीद है कि कोर्ट से न्यायपूर्ण फैसला मिलेगा।

वक्फ एक्ट के खिलाफ दायर याचिका को लेकर आरजेडी विधायक मोहम्मद इजहार असफी समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हाल ही में संशोधित वक्फ बिल अब कानून बन चुका है, लेकिन हम इस वक्फ संशोधन कानून को स्वीकार नहीं कर सकते। हमारे पुरखों की दी हुई जायदाद को ट्रांसफर करने के लिए कानून में बदलाव किया गया है।

उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया कि हम इस लड़ाई को सड़क और संसद दोनों जगह लड़ेंगे। हमने अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में आज हम याचिका दायर कर रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि अदालत से हमें निष्पक्ष और न्यायपूर्ण फैसला मिलेगा।

बता दें कि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए वक्फ कानून को लेकर कहा था, "हम लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। जदयू किसका विरोध कर रही है, उनकी वे जानें। उनकी पार्टी (जदयू) में वक्फ कानून को लेकर विरोध हो रहा है, उन्हें ऐसे लोगों को समझाना चाहिए। उनकी पार्टी में जाकर हम लोग तो विरोध नहीं कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल चुकी है। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।

विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद लोकसभा ने 3 अप्रैल को तड़के और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को तड़के इसे मंजूरी प्रदान की। लोकसभा में इसके समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे, जबकि ऊपरी सदन में इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े थे।


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