जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर हम बेहद चिंतित हैं : ममता
जीएसटी के एक जुलाई से लागू होने पर चिंता व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की अनावश्यक विनाशकारी जल्दबाजी नोटबंदी के बाद एक ऐतिहासिक भूल होगी

कोलकाता। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के एक जुलाई से लागू होने पर चिंता व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की अनावश्यक विनाशकारी जल्दबाजी नोटबंदी के बाद एक ऐतिहासिक भूल साबित होगी।
ममता ने कहा, "जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर हम बेहद चिंतित हैं। यह अनावश्यक विनाशकारी जल्दबाजी नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की दूसरी ऐतिहासिक भूल होगी। हम शुरुआत से ही जीएसटी का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह इसे लागू करने को लेकर केंद्र सरकार आगे बढ़ रही है, उसे लेकर अब हम बेहद चिंतित हैं।"
ममता ने फेसबुक पोस्ट में कहा, "जीएसटी लागू करने के लिए और अधिक समय देने के हमारे बार-बार के सुझाव को अनसुना कर दिया गया।"
केंद्र के इस कदम के विरोध स्वरूप तृणमूल कांग्रेस जीएसटी को लागू करने के लिए 30 जून की आधी रात संसद में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी।
ममता ने कहा, "हमारे संसदीय दल ने केंद्र के कदम के विरोधस्वरूप 30 जून की आधी रात संसद में जीएसटी को लेकर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा कि तमाम कारोबारी समुदाय खासकर छोटे व मंझोले व्यापारी डरे हुए और असमंजस में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "जीएसटी के लागू होने में केवल 60 घंटों का वक्त बचा है और किसी को भी नहीं पता कि क्या होने जा रहा है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "मौजूदा सत्ताधारी पार्टी पहले तो सात वर्षो तक जीएसटी का विरोध करती रही और सत्ता में आने के तुरंत बाद अचानक जीएसटी के चैंपियन के रूप मेंकलाबाजी करने लगी।"
ममता ने आरोप लगाया कि आवश्यक वस्तुएं जैसे दवाएं 'कई जगहों पर उपलब्ध नहीं हैं' और पारदर्शिता न होने तथा कुप्रबंधन से कई वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं।
उन्होंने कहा, "हम हमेशा देश की संघीय संरचना बरकरार रखने के लिए लड़ाई लड़ते रहे हैं, यहां तक कि किसी वक्त में बंगाल जीएसटी परिषद के पक्ष में अकेले आवाज उठा रहा था।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम कह रहे हैं कि एक जुलाई से जीएसटी का सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था तैयार नहीं है..छोटे व्यापारी चालान, लेखा प्रणाली तथा आईटी प्रणाली इत्यादि के अभाव में अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। तैयारी पूरी न होने का एक अन्य सबूत इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि पहले छह महीने तक रिटर्न फॉर्म को सरलीकृत करना है, क्योंकि सभी प्रणालियां जगह पर नहीं हैं।"
ममता ने कहा, "हमें लगता है कि जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने को लेकर सभी नियमों व प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लिए छह महीने की अवधि की जरूरत है और सभी हितधारकों खासकर छोटे व मंझोले व्यापारियों को पर्याप्त समय दें।" उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न हुआ, तो हमारी व्यापक अर्थव्यवस्था में एक अराजक हालात पैदा हो सकता है, जिसके लिए मूल रूप से भारत सरकार जिम्मेदार होगी।
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोगों व व्यापारियों की आवाजें सुनी जाएंगी और केंद्र सरकार द्वारा इनपर ध्यान दिया जाएगा।"


