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हम विदेश नहीं जा रहे, टीचर्स को भेज रहे हैं, फिर एलजी को आपत्ति क्यों : सीएम केजरीवाल

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर एलजी द्वारा रोक लगाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें दिल्ली की जनता ने चुन कर भेजा, हमारी सरकार है और हम पैसे बचाकर अपने टीचर्स को विदेश भेज रहे हैं

हम विदेश नहीं जा रहे, टीचर्स को भेज रहे हैं, फिर एलजी को आपत्ति क्यों : सीएम केजरीवाल
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नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर एलजी द्वारा रोक लगाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें दिल्ली की जनता ने चुन कर भेजा, हमारी सरकार है और हम पैसे बचाकर अपने टीचर्स को विदेश भेज रहे हैं, तो किसी को क्यों आपत्ति होनी चाहिए। केजरीवाल का कहना है कि हमारे देश में नेता और अफसर तो खूब विदेश जाते हैं, लेकिन पिछले 75 में किसी ने भी टीचर्स और प्रिंसिपल को विदेश नहीं भेजा। देश में दिल्ली सरकार पहली सरकार है, जो अपने टीचर्स और प्रिंसिपल को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजती है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि हम पहले भी अपने टीचर्स को फिनलैंड भेज चुके हैं और अब एक और जत्था जाने वाला था, जिस पर एलजी ने रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि हमारे टीचर्स और प्रिंसिपल की अथक मेहनत की वजह से ही दिल्ली ने जबरदस्त शिक्षा क्रांति की है और सरकारी स्कूलों के बहुत अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी जानते हैं कि दिल्ली ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत जबरदस्त शिक्षा क्रांति की है और सरकारी स्कूलों को बहुत ही शानदार प्रदर्शन रहा है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपल को हम लोगों ने विदेश में ट्रेनिंग करने के लिए भेजा। आजतक हमारे देश में पिछले 75 साल में यह देखने को जरूर मिला कि नेता तो विदेश में जाते थे, ऐश करने के लिए अफसर भी खूब जाते हैं, लेकिन आज तक शिक्षकों और प्रिंसिपल को किसी ने विदेश नहीं भेजा। हमारी सरकार ने पहली बार बहुत बड़े स्तर पर शिक्षकों और प्रिंसिपल को ट्रेनिंग करने के लिए विदेशों में भेजा।

उन्होंने कहा कि फिनलैंड की शिक्षा व्यवस्था दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा व्यवस्था मानी जाती है। हम चाहते हैं कि हमारे टीचर्स और प्रिंसिपल को फिनलैंड का एक्पोजर होना चाहिए। हम पहले भी कई टीचर्स और प्रिंसिपल को फिनलैंड भेज चुके हैं। अब एक और जत्था जाने वाला था, जिस पर एलजी साहब ने आपत्ति लगा दी कि इनको नहीं जाना चाहिए और इनका कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस होनी चाहिए। अब कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस क्या होगी। कल को कोई कहे कि आप अपने बच्चे को पाल रहे हो, अपने बच्चे की कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस करो, तो इसकी क्या कास्ट बेनिफिट एनॉलिसिस होगी। मैं समझता हूं कि यह बिल्कुल ठीक बात नहीं है। यह बच्चों के भविष्य की बात है। हमको दिल्ली के लोगों ने चुन कर भेजा। हमारी सरकार है। हमारे पर पूर्ण बहुमत है। हमने पैसे बचाए और पैसे बचाकर हम अपने टीचर्स को विदेश भेज रहे हैं तो किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि हम तो विदेश नहीं जा रहे हैं। हम तो अपने स्कूलों के टीचर्स और प्रिंसिपल को भेज रहे हैं।

वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद दुख की बात है कि भाजपा अपनी गन्दी राजनीती में इस हद तक गिर गई है कि अब वो दिल्ली के गरीब बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन देने के दिल्ली सरकार के काम में बुरी तरह टांग अड़ा रही है और उसको बर्बाद करने के स्तर पर ले आई है। उपराज्यपाल द्वारा शिक्षा निदेशालय के 30 प्राइमरी-इंचाजरें व टीचर एजुकेटर्स के फिनलैंड में प्रस्तावित ट्रेनिंग पर रोक लगाना इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एलजी फिनलैंड में दिल्ली सरकार के टीचर्स की ट्रेनिंग को पहले देर करते हैं और फिर इसे रोकने के लिए कहते हैं कि ट्रेनिंग का कास्ट बेनिफिट विश्लेषण कर लो, ये कैसा कुतर्क है।

सिसोदिया ने कहा कि एलजी बताएं कि दिल्ली सरकार के स्कूलों मे आए परिवर्तन, बच्चों-अभिभावकों के बढ़ते आत्मविश्वास, शानदार रिजल्ट का कास्ट बेनिफिट विश्लेषण क्या होगा। एलजी एक्सपोजर ट्रेनिंग का कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मांग रहे हैं। क्या 99.6 फीसद बोर्ड रिजल्ट, सैकड़ों की संख्या में आईआईटी-मेडिकलकोर्सेज में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों का दाखिला बेनिफिट नहीं है।


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