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सियाचिन जवानों के पराक्रम से सीमा सुरक्षा को लेकर हम आश्वस्त : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित संघर्ष क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों को संबोधित किया

सियाचिन जवानों के पराक्रम से सीमा सुरक्षा को लेकर हम आश्वस्त : राष्ट्रपति
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श्रीनगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित संघर्ष क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों को संबोधित किया। इस जगह को 'थर्ड पोल' भी कहा जाता है, जहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे भी पहुंच जाता है। तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति ने यहां 6000 मीटर ऊंचे ग्लेशियर पर भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) समाप्त होने वाले स्थान पर जवानों को संबोधित किया। उनके साथ थल सेना प्रमुख बिपिन रावत और सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट डी.अनबु भी थे।

उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र सेना के सुप्रीम कमांडर और देश का राष्ट्रपति होने की हैसियत से वह 'पूरे देश की तरफ से उनका आभार मान रहे हैं' कि वे लोग खतरनाक और मौसम की मुश्किल परिस्थितियों के बीच देश के सीमा की बहादुरी के साथ रक्षा कर रहे हैं।

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने जवानों से कहा, "सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है और इस खतरनाक मौसम में एक सामान्य जीवन जीना भी मुश्किल है। इस तरह कि स्थिति में, सैनिकों द्वारा निरंतर एक-जगह से दूसरे जगह जाना और तत्परता दिखाना एक असाधारण प्रदर्शन है।"

उन्होंने कहा, "पिछले 34 वर्षो से सियाचिन पर तैनात सैनिकों का पराक्रम हमें यह विश्वास दिलाता है कि हमारी सीमा सुरक्षित है।"

इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम यहां के दौरे पर 2004 में आए थे।


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