पेयजल संकट को देखते हुए धान के लिए नहर से नहीं दिया जाएगा पानी
कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन की अध्यक्षता में आज शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई

जांजगीर। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन की अध्यक्षता में आज शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने बताया कि पेयजल संकट को देखते हुये राज्य शासन के निर्देश के अनुसार ग्रीष्म कालीन धान के लिए नहर से पानी नहीं दिया जायेगा।
डभरा क्षेत्र मेंं अभी से पानी का संकट शुरू हो गया है। इन स्थितियों को देखते हुए ग्रीष्म कालीन धान के स्थान पर दलहन, तिलहन और कम जल मांग वाली फसलों के लिए संगोष्ठी और चौपाल के माध्यम से जिले के किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान किस क्षेत्र में कौन सी फसल लेंगे, यह तय होने पर जरूरत और मांग के अनुसार पानी दिया जायेगा। बैठक में संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े, जांजगीर चांपा विधायक मोतीलाल देवांगन, अपर कलेक्टर डी.के. सिंह, जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र कौशिक और श्रीमती कल्याणी साहू, अनेक कृषक सदस्य उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि जून में तराई के लिए पानी देने से इस बार खरीफ में धान की फसल समय पर तैयार हो चुकी है। इसके कटने के तुरंत बाद गेहूं, उड़द और मूंग की फसल लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसान कम जल मांग वाली जिस किस्म की फसल लेना चाहते हैं, उसके लिए मांग पत्र कृषक मित्रों अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर कृषि विभाग में जमा कर दें।
ताकि समय पर उन्हें बीज उपलब्ध कराया जा सके। बैठक में बताया गया कि रबी 2017-18 में गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन और साग-सब्जी फसल के लिए 53 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का निर्धारण किया गया है। इनमें 10 हजार हेक्टेयर में गेहूं, एक हजार हेक्टेयर में मक्का, 6850 हेक्टेयर में साग-सब्जी, 21 हजार 150 हेक्टेयर में दलहन और 14 हजार हेक्टेयर में तिलहन फसल शामिल है। जिले में 6400 हेक्टेयर में गेहूं, दलहन,तिलहन का नि:शुल्क फसल प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही रबी के विभिन्न फसलों के लिए 5 हजार से अधिक किसानों को मिनी किट वितरित किया जा रहा है।
धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, गेहूं को बढ़ावा देने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं बीज तथा 60 प्रतिशत अनुदान पर दलहन, तिलहन बीज कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि किसानों की मांग के अनुरूप कृषि विभाग द्वारा धान को छोड़कर, दलहन, तिलहन और कम पानी की जरूरत वाले अन्य प्रकार के बीजों की भी आपूर्ति की जायेगी। वर्तमान में बीज निगम में विभिन्न प्रकार के करीब चार हजार क्विंटल बीज उपलब्ध है और आगामी दिवस में गेहूं के 11 सौ क्विंटल बीज आ जाने की जानकारी दी गई।
जिला जल उपयोगिता समिति के किसान सदस्यों द्वारा बारह मासी नालियों की बोरी बंधान की जरूरत बताई गई। इस पर कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने कहा कि ऐसे नालियों का नाम देने पर बोरी बंधान की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी।जांजगीर चांपा विधायक मोती लाल देवांगन ने समयबद्व तरीके से भीमा तालाब में पानी भरने और रामबांधा तालाब के सौदर्यकरण के बारे में चर्चा की।
अधिकारियों द्वारा बताया गया कि भीमा तालाब पानी भरने के लिए नाली निर्माण का प्राक्लन बनाया जा चुका है। बैठक में बताया गया कि मिनीमाता बांगों परियोजना जलाशय में 68 प्रतिशत जल भराव है, जिसमें से पेयजल, उद्योग, वाष्पीकरण और निस्तारी के लिए कुल 1442 घन मीटर रिजर्व रखने की आवश्यकता बतायी गई।


