Top
Begin typing your search above and press return to search.

विकसित देशों की तर्ज पर होगी दिल्ली में वाटर सप्लाई

देश की राजधानी दिल्ली में 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है।

विकसित देशों की तर्ज पर होगी दिल्ली में वाटर सप्लाई
X

नई दिल्ली | देश की राजधानी दिल्ली में 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के प्रत्येक घर में 24 घंटे पानी मुहैया कराया जाएगा। खास बात यह है कि पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी की टंकी या किसी पंप की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस काम के लिए दिल्ली सरकार विश्व स्तरीय आधुनिक तकनीक अपनाएगी। दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से पानी लिया जा सकता है।

दिल्ली में पानी वितरण की सुविधा बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार विकसित देशों की तर्ज पर नई तकनीक अपनाएगी। दिल्ली में विदेशों की तरह मॉडर्न तरीके से पानी का वितरण होगा। यह व्यवस्था सेंट्रलाइज होगी और कंट्रोल रूम से ही पानी की बबार्दी या चोरी का पता पता लग जाएगा।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण से इनकार किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम दिल्ली में पानी के वितरण एवं इससे संबंधित व्यवस्था का निजीकरण नहीं करेंगे। वैसे भी मैं व्यक्तिगत तौर पर निजीकरण के खिलाफ हूं।"

शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में 24 घंटे आधुनिक तकनीक के जरिए पानी उपलब्ध कराने के लिए हम एक कंसलटेंट नियुक्त करने जा रहे हैं। यह कंसलटेंट पानी के प्रबंधन को ठीक करने और पानी की प्रत्येक बूंद की जिम्मेदारी तय करने की व्यवस्था करेगा। साथ ही दिल्ली सरकार को जल वितरण की आधुनिक तकनीक से अवगत भी कराएगा।"

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में प्रतिदिन 930 मिलियन (93 करोड़) गैलन पानी का उत्पादन होता है। दिल्ली की आबादी लगभग 2 करोड़ है, यानी प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन चाहे वह अमीर हो या गरीब लगभग 176 लीटर पानी का उत्पादन होता है। इसमें औद्योगिक, क्षेत्र स्विमिंग पूल, खेती, घरेलू पानी एवं पानी के अन्य उपयोग शामिल हैं। हमें अब पानी की उपलब्धता बढ़ानी है। इसके लिए हम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सरकार से बात कर रहे हैं।"

मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पानी के प्रबंधन और उसके वितरण की जिम्मेदारी पर भी चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि पानी के प्रबंधन में कई प्रकार की खामियां हैं। उन्होंने कहा, "930 मिलियन गैलन पानी पानी कम नहीं होता। इसमें से पानी चोरी हो जाता है, पानी लीक हो जाता है। हमें पानी का प्रबंधन ठीक करना है। प्रत्येक बूंद पानी के वितरण की सही जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it