जल स्तर गिरा, पानी के लिए हाहाकार
जिले में जल स्तर नीचे जाने से तथा विद्युत मरम्मत के नाम पर बिजली कटौती करने से कई गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है

बिजली व्यवस्था बनी समस्या, टंकियों में नहीं भर रहा पानी
बिलासपुर। जिले में जल स्तर नीचे जाने से तथा विद्युत मरम्मत के नाम पर बिजली कटौती करने से कई गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। मस्तूरी ब्लॉक के बसंतपुर सहित 10 गांव के लोग दूसरे गांव से बैलगाड़ी से पीने का पानी ला रहे हैं और तो और मस्तूरी क्षेत्र में शिवनाथ नदी के पानी से प्यास बुझा रहे हैं। 5 से 8 किलोमीटर दूर बैलगाड़ी से लोग पीने का पानी ला रहे हैं। अब तो नदी भी सूखने लगी है।
ग्राम पंचायतों द्वारा बार-बार सुराज में शिकायत के बावजूद गांव के तालाब सूखे पड़े हैं। बोरिंग फेल है। पीएचई के अफसर लोगों को पानी देने में नाकाम साबित हुए। नगर पालिका तिफरा के यदुनंदन नगर में अफसरों की लापरवाही से पिछले 15 दिनोंं से लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा है। लोगों को दूसरे के घरों में शरण लेना पड़ रहा है। तिफरा नगर पालिका के यदुनंदन नगर में अधिकारियों ने दो बोर कराए हैं लेकिन दोनों बोर फेल हो गए हैं। पानी नहीं मिलने से नाराज नागरिकों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के बसंतपुर समेत कई गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। तालाब सूख गए हैं। हैंडपंप बिगड़े पड़े हैं। बोरिंग फेल होने से लोगों को पानी से अपनी प्यास बुझ रहे हैं। बैलगाड़ी से दूसरे गांव से पीने का पानी लाना पड़ रहा है। मस्तूरी से लेकर जोंधरा तक निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई गांव में पंचायत द्वारा तालाब गहरीकरण कराया गया। बोरिंग भी कराया गया लेकिन पानी नहीं मिला।
अब अफसर भी खाली हाथ पैर मार रहे हैं। इस क्षेत्र के विधायक यहां की पानी की किल्लत को लेकर विधानसभा में मामला उठाया लेकिन बसंतपुर व आसपास के गांव में आज तक पानी नहीं पहुंचा। इधर हर साल गर्मी में जल स्तर घटने से पानी की किल्लत उत्पन्न हो रही है। वहीं तखतपुर, बिल्हा, रतनपुर, कोटा समेत कई गांव में पानी की समस्या है।
कलेक्टर द्वारा पीएचई के अफसरों को हैण्डपंप मरम्मत, बोर करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन आज तक बोरिंग नहीं हुआ। सुराज अभियान में भी मस्तूरी व सिरगिट्टी के लोगों ने पानी की समस्या बताई थी लेकिन आज तक पानी नहीं मिला। महिलाएं परेशान हैं। कई जगह टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा है। कोनी में भी यही हाल है। तिफरा यदुनंदन नगर में पार्षद व ग्रामीण अपने खर्चें से पानी की समस्या को निपटने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
यहां टैंकर से पीने का पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन निस्तारी के लिए पानी नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर तिफरा नगर पालिका के अफसर भी इस मामले को लेकर बेसुध हैं। यदुनंदन नगर में ऐसी जगहों में अफसरों ने बोरिंग करा दिया जहां पर पानी ही नहीं मिला। नगर पालिका के अफसरों का कहना है कि विद्युत मरम्मत के नाम पर बिजली आपूर्ति में कटौती किए जाने से पानी की किल्लत हो रही है। टंकी में पानी नहीं भर पा रहा है।
दो नए मोटर लगाए गए लेकिन मोटर जल जाने से एक सप्ताह से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि आनन फानन में मोटर बनाकर बोरिंग शुरू किया गया लेकिन बिजली नहीं होने से यदुनंदन नगर की टंकी खाली पड़ी है। अफसर भी परेशान हैं। पीएचई व विद्युत मंडल पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। जिले में कई गांव में पानी की समस्या से लोग परेशान हैं लेकिन पीएचई के अफसर पानी सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
4 लाख का पानी बिल नहीं दिया...
यदुनंदन नगर तिफरा के नागरिकों ने पिछले कई साल से कई परिवारों ने पानी बिल का भुगतान नहीं किया है। इधर कालोनी में पाइप लाइन बिछा दी गई है लेकिन घरों से कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। कनेक्शन के लिए नगर पालिका के अफसर राशि की मांग कर रहे हैं। वहीं पुरानी पाइपन लाइन जर्जर हो चुकी है। टंकी में पानी नहीं है। जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
वहीं नगर पालिका का कहना है कि यदुनंदन नगर के कई परिवारों ने चार लाख पानी बिल की वसूली करने के पहले पानी आपूर्ति की कार्रवाई की जा रही है। वहीं एक अफसर का कहना है कि 11 लाख रूपए संपत्तिकर का बकाया है।
इधर नगर पालिका में पैसे का टोटा है इसलिए कई काम अधर में पड़े हैं। राजकिशोर नगर में ग्राम पंचायत की लापरवाही से कई हिस्सों में जल आपूर्ति बंद है। लिंगियाडीह के सरपंच से गांव वालों ने लगातार बोरिंग की मांग रखी लेकिन बोरिंग नहीं होने से पानी नहीं मिल रहा है।


