Top
Begin typing your search above and press return to search.

जल-संरक्षण सामूहिक दायित्व : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जल-संरक्षण अवश्य सामूहिक दायित्व होना चाहिए

जल-संरक्षण सामूहिक दायित्व : मोदी
X

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जल-संरक्षण अवश्य सामूहिक दायित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए जल-संरक्षण कठिन कार्य नहीं है क्योंकि 'हमारे पूर्वज सदियों से अपनी जीवन-पद्धति के रूप' में इस कार्य को अंजाम देते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में पैगंबर मोहम्मद और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, "हम अक्सर सुनते हैं कि एक समय आएगा जब दुनिया में जल के कारण युद्ध होगा। हर कोई इसपर बोलते हैं लेकिन क्या जल संरक्षण को लेकर हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। क्या हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि जल-संरक्षण एक सामाजिक दायित्व होना चाहिए। यह अवश्य एक सामाजिक दायित्व होना चाहिए।"

मोदी ने कहा कि देशभर में अनेक बावड़ियां प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं, जोकि जल-संरक्षण अभियान का जीवंत प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पूर्वजों ने इस काम को अंजाम दिया था।"

उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में सरकार ने मनरेगा बजट के अलावा हर साल 32 करोड़ रुपये जल-संरक्षण व प्रबंधन पर खर्च किए हैं

पवित्र रमजान के पूर्व श्रोताओं को शुभकामना देते हुए मोदी ने कहा कि रोजा रखने का अभिप्राय यह है कि जब कोई व्यक्ति भूख और प्यास का खुद अनुभव करता है तो वह दूसरों की भूख और प्यास के प्रति संवदेनशील बन जाता है।

मोदी ने कहा, "यह पैगंबर मोहम्मद के संदेशों को याद करने का अवसर है। हमारा यह दायित्व है कि हम उनके जीवन के सिद्धांत के रूप में समानता और भाईचारे के मार्ग का अनुपालन करें। एक बार एक व्यक्ति ने पैगंबर से पूछा कि इस्लाम की सबसे अच्छी बात क्या है तो पैगंबर ने जवाब दिया गरीबों को जरूरतमंदों को खाना खिलाना और हर किसी से प्यार से मिलना चाहे वह आपका परिचित हो या न हो।"

मोदी ने कहा, "हमें गर्व है कि भारत भगवान बुद्ध की जन्म-भूमि है और भारत का चीन, जापान, कोरिया, थाइलैंड, कंबोडिया और म्यांमार जैसे एशियाई देशों के साथ बौद्ध धर्म को लेकर गहरा संबंध है।"

उन्होंने कहा, "भगवान बुद्ध समतावाद, शांति, सौहार्द और भाईचारे के स्रोत थे। ये मानव-मूल्य हैं जिनकी आज दुनिया में सबसे अधिक जरूरत है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मई 1998 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन भारत ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। उन्होंने कहा कि भारत ने बुद्ध के संदेशों के अनुरूप परमाणु शक्ति हासिल की जोकि शांति स्थापित करने के लिए एक आंतरिक शक्ति है।

प्रधानमंत्री ने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय एथलीट खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन पर उन्हें बधाइयां दीं। भारतीय खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों में 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य सहित कुल 66 पदक जीते। खासतौर से महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी प्रशंसनीय रहा।

उन्होंने लोगों से तंदुरुस्त रहने के लिए योग करने की सलाह दी। मोदी ने विद्यार्थियों को सरकार के स्वच्छ भारत ग्रीष्म प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से दो क्रेडिट प्वाइंट प्रदान किया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it