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फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम में चूहों को देखना अव्यवस्था को दर्शाता है: सेप्पी

 फीफा अंडर-17 विश्व कप टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सेप्पी का कहना है कि प्रशंसकों के लिए इस टूर्नामेंट का आयोजन असफल रहा

फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम में चूहों को देखना अव्यवस्था को दर्शाता है: सेप्पी
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नई दिल्ली। फीफा अंडर-17 विश्व कप टूर्नामेंट के निदेशक जेवियर सेप्पी का कहना है कि प्रशंसकों के लिए इस टूर्नामेंट का आयोजन असफल रहा। सेप्पी ने कहा कि फुटबाल के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम में चूहों को देखना अव्यवस्था को दर्शाता है।

चिली के निवासी सेप्पी ने यह भी कहा कि राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित छह मैचों के केवल 47,000 टिकट ही बिके। इस स्टेडियम में एक समय पर 60,000 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन हर मैच में केवल 30,000 लोग ही नजर आए।

पांचवें 'इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन फुटबाल बिजनेस' में सेप्पी ने कहा, "दिल्ली में केवल 47,000 टिकट ही बिके। प्रशंसकों को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए था और उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाना चाहिए था, जो उन्हें स्टेडियमों तक खींच कर लाता।"

इस सम्मेलन में पहुंचे लोगों से सेप्पी ने अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा। लोगों ने कहा कि सुरक्षा मुद्दों के कारण उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा।

सेप्पी ने कहा कि भारत में ऐसे टूर्नामेंट का आयोजन बहुत मुश्किल है। उन्होंने 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के असफल आयोजन पर भी बात की। उन्होंने कहा, "लोग कह रहे हैं कि विश्व कप का आयोजन सफल था, लेकिन मैं सच कहूं, तो एक प्रशंसक के तौर पर मेरे अनुभव से यह प्रशंसकों के लिए सफल नहीं था और यहीं सच्चाई है।"


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