वांग यी ने पड़ोसी देशों के 5 विदेश मंत्रियों से की चर्चा
31 मार्च से 3 अप्रैल तक चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने फूच्येन में लगातार सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनिशिया, फिलिपींस और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की

बीजिंग। 31 मार्च से 3 अप्रैल तक चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने फूच्येन में लगातार सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनिशिया, फिलिपींस और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया को एक विशेष साक्षात्कार दिया। उन्होंने कहा कि चीन और आसियान के सदस्य देश एक ही परिवार के सदस्य हैं और शुरू से ही कोविड-19 महामारी के मुकाबले में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पहली पंक्ति में खड़े हैं। "हमने वायरस से मुकाबले में पहला हाफ जीत लिया है, जिसमें महामारी की रोकथाम व नियंत्रण मुख्य कार्य थे। अब हमें दूसरा हाफ जीतना होगा, जिसमें टीका सहयोग अहम है।"
उन्होंने कहा कि चीन अपनी कठिनाई दूर कर टीका उत्पादन का विस्तार करने की पूरी कोशिश कर रहा है। चीन ने अब तक 80 से अधिक देशों और 3 अंतर्राष्ट्रीय सगंठनों को वैक्सीन प्रदान की है। इसके साथ चीन ने 40 से अधिक देशों को वैक्सीन का निर्यात किया है। चीन 10 से अधिक देशों के साथ टीके के विकास और उत्पादन में सहयोग चला रहा है। दक्षिण-पूर्वी एशिया चीन के वैदेशिक टीका सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
वांग यी ने कहा कि गत वर्ष से महामारी के बावजूद चीन और आसियान एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार बन चुके हैं, जिसका ऐतिहासिक महत्व है। दोनों पक्षों के सहयोग का उज्ज्वल भविष्य होगा।
वांग यी ने जानकारी दी कि पांच देशों के विदेश मंत्रियों के साथ हुई वार्ता में उन्होंने हाल ही में चीन अमेरिका अनकोरेज वातार्लाप और भावी चीन अमेरिका संबंधों पर विचार किया। सभी नेताओं की समान राय है कि चीन का विकास अनिवार्य है, जो इस क्षेत्र के देशों की समान प्रतीक्षा और दूरगामी हितों से मेल खाता है। इसके साथ उनका यह भी मानना है कि वैश्विक भूमंडलीकरण और महामारी के बाद के काल में मौजूद चुनौती के समक्ष चीन और अमेरिका को अधिक वार्ता व सहयोग करना चाहिए।
वांग यी ने कहा कि चीन यह नहीं मानता है कि इस विश्व में कोई भी देश दूसरे से एक दर्जा ऊंचा है। चीन एक ही देश द्वारा विश्व का मामला तय करने को अस्वीकार करता है। "चीन नहीं हट सकता, क्योंकि चीन के पीछे व्यापक विकासशील देश हैं। चीन को जवाबी हमले का अधिकार है, क्योंकि हमें राष्ट्रीय प्रभुसत्ता और राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा करनी है। आशा है कि अमेरिका चीन के केंद्रीय हितों का सम्मान करेगा और सही रूप से चीन के विकास को देखेगा और चीन के साथ क्षेत्रीय व विश्व की शांति, स्थिरता व विकास की सुरक्षा करेगा।"


